पहाड़ में ये शर्मनाक है..दर्द से तड़पती रही प्रसूता, अस्पताल वाले बोले-पहले 20 हजार लाओ
जिला अस्पताल ने प्रसूता को एडमिट करने से मना किया तो परिजन उसे निजी अस्पताल ले गए। जहां अस्पताल प्रबंधन ने 20 हजार रुपये मांगे। परिजनों ने असमर्थता जताई तो प्रसूता को लौटा दिया गया...आगे पढ़िए पूरी खबर
Jun 3 2020 8:55PM, Writer:कोमल नेगी
कोरोना महामारी हमें हर स्तर पर तोड़ रही है। सरकारी अस्पताल कोविड-19 अस्पताल बन चुके हैं। ऐसे में लोगों के पास प्राइवेट अस्पतालों का रुख करने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं है। निजी अस्पताल भी लोगों की मजबूरी का जमकर फायदा उठा रहे हैं। चंपावत में भी ऐसा ही हुआ। एक न्यूज रिपोर्ट मुताबिक यहां प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला को निजी अस्पताल वालों ने एडमिट करने से इनकार कर दिया। अस्पताल वाले महिला के परिजनों से 20 हजार रुपये जमा कराने को कह रहे थे। गरीब परिजनों ने असमर्थता जताई। कहा इतने रुपये कहां से लाएंगे, पर अस्पताल वालों को उन पर तरस नहीं आया। बाद में प्रसूता ने घर पर बच्चे को जन्म दिया। इस घटना से आहत प्रसूता के पति ने शिक्षामंत्री से मामले की शिकायत की। जिसके बाद उन्होंने सीएमओ को जमकर लताड़ा। डीएम ने भी मामले की जांच के आदेश दिए हैं। आगे पढ़िए
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घटना मंगलवार की है। खटकना पुल के पास रहने वाली 27 साल की शहनाज को सुबह प्रसव पीड़ा हुई। पति अजीम शहनाज को सरकारी अस्पताल ले गया। जहां से उसे निजी अस्पताल भेज दिया गया। परिजन उसे जीवन अनमोल अस्पताल ले गए। वहां अस्पताल वालों ने तुरंत 20 हजार रुपये जमा कराने को कहा। परिवार के असमर्थता जताने पर एडमिट करने से इनकार कर दिया। पति डॉक्टरों से मिन्नतें करता रहा, लेकिन वो महिला को एडमिट करने के लिए तैयार नहीं हुए। बाद में अजीम पत्नी को घर ले आया। जहां स्थानीय महिलाओं की मदद से डिलीवरी कराई गई। मामले के तूल पकड़ने के बाद सीएमओ ने अपनी सफाई दी है। उन्होंने कहा कि सीएमएस को तुरंत निशुल्क प्रसव कराने को कहा गया था, लेकिन तब तक महिला की डिलीवरी हो गई थी। वहीं जिले के प्रभारी मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि अधिगृहित निजी अस्पताल की तरफ से 20 हजार रुपये की डिमांड करना गलत है। उन्होंने डीएम को मामले की जांच के निर्देश दिए हैं।