image: Martyr  colonel santosh babu

शहीद कर्नल संतोष बाबू को नमन, बूढ़े मां-बाप का इकलौता बेटा देश के लिए कुर्बान

शहीद कर्नल संतोष बाबू (Colonel Santosh Babu) की शहादत पर देश को गर्व है। माता-पिता का कहना है कि उनका इकलौता बेटा चला गया लेकिन उन्हें गर्व है।
Jun 17 2020 9:56AM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात को भारतीय सेना और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई। झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए। ये 70 के दशक के बाद पहली बार है, जब गलवान घाटी में भारतीय जवानों की शहादत हुई। शहीदों में 16 बिहार रेजिमेंट के जांबाज अफसर कर्नल बी संतोष बाबू भी शामिल हैं। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन के साथ हिंसक झड़प में शहीद कर्नल संतोष बाबू का पार्थिव शरीर आज हैदराबाद पहुंचेगा। शाम 4 बजे अंतिम संस्कार किया जाएगा। शहीद कर्नल की पत्नी और बच्चे दिल्ली से हैदराबाद पहुंच गए हैं। उनका बाकी परिवार हैदराबाद में है। शहीद कर्नल संतोष बाबू केवल 37 साल का था और उसके सामने एक सुनहरा भविष्य था। उनके पिता काहना है कि-मैं बहुत दुखी हूं, लेकिन सैनिक फैमिली का हिस्सा होने के कारण मुझे बेटे पर गर्व है। शहीद कर्नल की मां मंजुला का कहना है कि कि मुझे संतोष बाबू की शहादत पर गर्व है, क्योंकि वो देश के लिए कुर्बान हुआ, हालांकि दुखी भी हूं क्योंकि वो मेरा इकलौता बेटा था।

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बताया जा रहा है कि इस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए। इसके अलावा 4 जवानों की हालत क्रिटिकल बताई जा रही है।



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