image: 61 youth from youth foundation recruited in garhwal rifle

उत्तराखंड: यूथ फाउंडेशन की मेहनत रंग लाई, इस बार 61 नौजवान गढ़वाल राइफल में शामिल

गढ़वाल राइफल्स रेजीमेंटल सेंटर में हुई कसम परेड के बाद 191 जांबाज देश की सुरक्षा की शपथ लेते हुए गढ़वाल राइफल्स का हिस्सा बन गए। इनमें से 61 कैडेट्स ऐसे थे, जिन्होंने यूथ फाउंडेशन की मदद से देश सेवा की तरफ पहला कदम बढ़ाया।
Aug 29 2020 4:26PM, Writer:Komal Negi

उत्तराखंड सिर्फ देवभूमि ही नहीं वीरभूमि भी है। यहां के युवाओं में देश सेवा का जज्बा कूट-कूटकर भरा है। सेना में शामिल होना यहां के युवाओं के लिए सिर्फ एक करियर ऑप्शन नहीं है। बल्कि ये वो गौरवशाली परंपरा है, जिसका निर्वहन पहाड़ के लोग पीढ़ियों से करते आ रहे हैं। रिटा. कर्नल अजय कोठियाल के नेतृत्व में गठित यूथ फाउंडेशन पहाड़ के ऐसे ही जुनूनी युवाओं के सपनों को तराशने का माध्यम बन रहा है। 27 अगस्त को लैंसडौन के गढ़वाल राइफल्स रेजीमेंटल सेंटर (जीआरआरसी) के नायक भवानी दत्त जोशी परेड ग्राउंड में हुई कसम परेड के बाद 191 रिक्रूट्स थल सेना का अभिन्न अंग बन गए। वर्दी पहनने का सपना पूरा हुआ तो परेड के बाद सभी के चेहरे खिल उठे। पासिंग आउट परेड में रिक्रूट्स ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। थल सेना का हिस्सा बनने वाले इन 191 रिक्रूट्स में से 61 कैडेट्स ऐसे थे, जिन्होंने यूथ फाउंडेशन से ट्रेनिंग लेने के बाद देश सेवा की तरफ अपना पहला कदम बढ़ाया। इस मौके पर रिक्रूटों ने अपने दाहिने कंधे पर शौर्य व वीरता की प्रतीक लाल रस्सी स्कारलेट धारण की। रॉयल रस्सी धारण करने पर रिक्रूटों को राइफलमैन का दर्जा दिया जाता है। आगे पढ़िए

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कर्नल अजय कोठियाल के नेतृत्व में गठित यूथ फाउंडेशन सेना के लिए जांबाज तैयार करने के काम में जुटा है। कर्नल अजय कोठियाल को एक जांबाज और दिलेर अफसर माना जाता है। इन्हीं खूबियों की वजह से उन्हें कीर्ति चक्र, शौर्य चक्र और विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया जा चुका है। कहते हैं हम सभी में एक न एक प्रतिभा छिपी होती है। यूथ फाउंडेशन इसी प्रतिभा को तराशने का काम कर रहा है। फाउंडेशन के नेतृत्व में भविष्य के फौजी तैयार किए जा रहे हैं। कुछ वक्त पहले भी यूथ फाउंडेशन से ट्रेनिंग लेने वाले 180 कैडेट गढ़वाल राइफल्स का हिस्सा बने। सेना में शामिल होने वाले युवाओं के चेहरे की खुशी देखते ही बन रही थी। कोविड-19 के संक्रमण काल को देखते हुए परेड देखने के लिए युवा सैनिकों के माता-पिता और रिश्तेदारों को कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया था। कसम परेड के बाद कैडेट्स ने यूथ फाउंडेशन का आभार जताया।

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यहां आपको यूथ फाउंडेशन और इसके संस्थापक रिटायर्ड कर्नल अजय कोठियाल के बारे में भी जरूर जानना चाहिए। यूथ फाउंडेशन के माध्यम से रिटा. कर्नल अजय कोठियाल ने पहाड़ के युवक-युवतियों को सेना में भर्ती होने की ट्रेनिंग देने की एक अनूठी पहल शुरू की है, जो कि पूरे देश में मिसाल बन चुकी है। कर्नल अजय कोठियाल भले ही सेना से रिटायर हो चुके हैं, लेकिन उनका मिशन देशसेवा अब भी जारी है। कर्नल अजय कोठियाल के नेतृत्व में गठित यूथ फाउंडेशन सेना के लिए जांबाज तैयार करने के काम में जुटा है। कर्नल अजय कोठियाल को एक जांबाज और दिलेर अफसर के तौर पर पहचाना जाता है। इन्हीं खूबियों की वजह से उन्हें कीर्ति चक्र, शौर्य चक्र और विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया जा चुका है। उनके निर्देशन में यूथ फाउंडेशन भविष्य के फौजी तैयार कर रहा है। सेना भर्ती के लिए ट्रेनिंग देने वाला ये संस्थान अब तक हजारों युवाओं की तकदीर बदल चुका है। हाल ही में संस्थान से ट्रेनिंग लेने वाले 61 सूरमाओं ने लैंसडौन में देशसेवा की शपथ ली। 9 महीने की कठिन ट्रेनिंग के बाद ये कैडेट्स अलग-अलग यूनिट का हिस्सा बन गए।


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