image: to over come water crisis barrage to be built in Ranikhet and Garsain

गैरसैंण और रानीखेत में बनेगा बैराज पेयजल संकट करेंगे दूर

Feb 18 2017 3:06PM, Writer:कोमल नेगी

उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में पेयजल संकट दूर करने की कवायद तेज हो गई है। जल्द ही रानीखेत के गगास नदी पर बैराज बनाया जाएगा। इसके साथ ही गैरसैंण में रामगंगा नदी पर भी बैराज बनेगा, जिसके लिए आईआईटी रुड़की ने डिजायन तैयार कर लिया है। मार्च के दूसरे सप्ताह में साइट विजिट कर डिजायन को फाइनल कर लिया जाएगा। बैराज बनने के बाद पहाड़ी इलाकों में पानी पहुंचाने में मदद मिलेगी।

पानी के स्टोरेज के इंतजाम नहीं

पहाड़ी राज्य होने की वजह से उत्तराखंड के कई इलाकों में पेयजल संकट लगातार बना हुआ है। गर्मियों में पानी की किल्लत होना पहाड़ों की आम समस्या है। सूबे की नदियों में अचानक पानी आता है और फिर उतर जाता है। बरसात के पानी की स्टोरेज की व्यवस्था ना होने की वजह से ये पानी बेकार हो जाता है, लोग बरसात के पानी का सही इस्तेमाल नहीं कर पाते। पेयजल संकट से निपटने के लिए अल्मोड़ा में तीन साल पहले बैराज बनाया गया था। जिसका डिजायन आईआईटी रुड़की ने तैयार किया था।

गैरसैंण और रानीखेत में बनेगा बैराज

अल्मोड़ा में बने इस बैराज में चार लाख क्यूबिक मीटर पानी स्टोरेज की व्यवस्था है। अल्मोड़ा के बाद अब उत्तराखंड सिंचाई विभाग गैरसैंण और रानीखेत में बैराज निर्माण की कवायद कर रहा है। इसके लिए आईआईटी रुड़की सिविल इंजीनियरिंग विभाग के वैज्ञानिकों से सलाह मांगी गई है। इस संबंध में आईआईटी सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. जुल्फिकार अहमद का कहना है कि गैरसैंण में पेयजल की समस्या के समाधान के लिए उत्तराखंड सिंचाई विभाग की ओर सेे बैराज का निर्माण किया जाना है। इसका डिजायन आईआईटी रुड़की को तैयार करना है, लेकिन जनवरी में बर्फबारी और फिर फरवरी में चुनाव के कारण स्थलीय निरीक्षण संभव नहीं हो पाया है। मार्च के दूसरे सप्ताह में साइड विजिट कर इसका डिजायन फाइनल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि रानीखेत में गगास नदी पर बैराज बनाया जाना है, इसके लिए आईआईटी रुड़की से डीपीआर मांगी गई है।


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