शर्मनाक ! देवभूमि में ऐसा होगा किसी ने नहीं सोचा था...देश सन्न रह गया !
Apr 17 2017 8:48PM, Writer:प्रगति
उत्तराखंड के अल्मोडा से एक ऐसी खबर आई है जो आपको झकझोर कर रख देगी। आपको ये खबर सोचने पर मजबूर कर देगी कि आखिर हम किस विकास का दम भरते हैं ? जहां तमाम सरकारों की तरफ से विकास के नाम पर अरबों रुपये पानी की तरह बहाए जाते हैं वहीं दूसरी तरफ एक लड़की भूख से अपनी जान गंवा देती है। ये स्थिति तब है जब उत्तराखंड देश में सबसे ज्यादा प्रति व्यक्ति आय का वाला प्रदेश होने का दम भरता है । भूख के कारण एक 17 साल की लड़की की मौत की खबर सामने आई है। जिले के चौखुटिया के खुजरानी गांव में 15 अप्रैल को यह घटना हुई है। इस घटना पर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की। कांग्रेस ने राज्य सरकार पर संवेदनहीनता का आरोप लगाते हुए इस घटना को देवभूमि पर कलंक करार दिया है। इस पर अल्मोड़ा के जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि मामले की जानकारी ली गई है।
इसके साथ ही अल्मोड़ा के जिलाधिकारी का कहना है कि चौखुटिया के उपजिलाधिकारी को मौके पर भेजकर उसकी पड़ताल शुरू कराई है। बताया जा रहा है कि सरिता नाम की ये लड़की पिछले कई दिनों से भूखी थी। सरिता के पिता की भी ऐसे ही हालात में कुछ दिनों पहले मौत हो चुकी है। परिवार में मां जानकी देवी और छह लोग बेहद अभाव और गरीबी में जिंदगी गुजर बसर कर रहे हैं और मानसिक रोग से पीड़ित है। इससे पहले जिलाधिकारी ने इस परिवार को पेंशन स्वीकृत कराई थी। 15 अप्रैल को हुई इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत को पत्र लिखकर राज्य में इस तरह की संवेदनशील घटनाओं का संज्ञान लेते हुए पीड़ित परिवार को शीघ्र राहत पहुंचाने की मांग की है। आलम ये है कि देवभूमि में अब इस मुद्दे पर राजनीति उबाल मारने लगी है। एक दूसरे पर आरोप लगाए जा रहे हैं।
इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल को खजुरानी गांव भेजकर पीड़ित परिवार को 21 हजार रुपये की सहायता राशि भी पहुंचाई है। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उपाध्याय ने कहा, 'ये बेहद दु:ख और खेद का विषय है कि प्रदेश की अमूल्य जिंदगियां राज्य सरकार की लापरवाही के कारण भूख से अपनी जान गंवा रही हैं। अल्मोड़ा जिले की 17 साल की लड़की की भूख से मौत देवभूमि उत्तराखंड पर काला धब्बा है। देवभूमि में हुए इस दिल दहला देने वाले हादसे का खुलासा होने के बाद अल्मोड़ा से देहरादून और दिल्ली तक हड़कंप मचा है। जिस राज्य के बारे में कहा जाता है कि प्रति व्यक्ति आय के हिसाब से ये देश के राज्यों में सबसे आगे है। उसी राज्य में एक मासूम का भूख से मर जाना कई सवाल खड़े करता है। कहां हैं वो तमाम सरकारें जो वादे करती हैं कि उत्तराखंड को विकास के मामले में सबसे आगे खड़ा करेंगे। कहां हैं वो सरकारे जो कहती हैं उत्तराखंड को नंबर वन बनाना है। क्या उन सरकारों को इस मासूम और उसके परिवार का दर्द पता है ?