Video: उत्तराखंड की आत्मा में बसा है ये गीत...वो गाना, जिसने दुनिया में रचा इतिहास...
Apr 27 2017 9:42PM, Writer:मीत
आज हम आपके लिए पहाड़ के कालयजी गायक नरेंद्र सिंह नेगी का एक गीत लेकर आए हैं। यकीन मानिए आप जितनी बार इस गाने को सुनेंगे उतना कम है। उत्तराखंड की गढ़ वंदना से लबरेज इस गीत में वो सारी बातें हैं, जो उत्तराखंड के लिए कही जाती हैं। इस गाने के बोल इतने मधुर हैं कि हर कोई पहली बार में सुनकर इसका दीवाना हो जाता है। उत्तराखंड से मीलों दूर रहने वाले उत्तराखंडी जब भी इस गाने को सुनते हैं तो भाव विभोर हो जाते हैं। ‘जो जस देई देणु ह्वे जेई’ इस गाने को अगर नरेंद्र सिंह नेगी की सबसे बड़ी रचना कहा जाएगा तो कुछ गलत नहीं होगा। माना कि ये गीत सालों पुराना है, लेकिन आज भी इस गाने में काफी नयापन लगता है। आप भी इस गाने को सुनेंगे तो आपका मन भी बार बार इसे सुनने को करेगा। बदरी केदरा भी तेरो जस गांदन, पंचनाम देवता भी त्वे सेवा लांदन, कुछ ऐसी पंक्तियां इस गाने में हैं, जो हर उत्तराखंडी को जोश से भर देती हैं। इस गाने को नरेंद्र सिंह नेगी ने अपनी बेहतरीन आवाज दी।
आज भी ये गाना नए गायकों के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। वक्त के साथ-साथ उत्तराखंड की इंडस्ट्री में कई बड़े गायक भी शामिल हुए। लेकिन नए गायकों की नई आवाज के होते हुए भी पूरा उत्तराखण्ड नरेंद्र सिंह नेगी जी के गानों को वही प्यार और सम्मान के साथ आज भी सुनता है। नेगी जी के गानों में अहम बात है उनके गानों के बोल और उत्तराखण्ड के लोगों के प्रति भावनाओं की गहरी धारा। उन्होंने अपने गीतों के बोल और आवाज के माध्यम से उत्तराखण्डी लोगों के सभी दुख-दर्द, खुशी, जीवन के पहलुओं को दर्शाया है। किसी भी लोकगीत की भावनाओं और मान-सम्मान को बिना ठेस पहुँचाते हुए उन्होंने हर तरह के उत्तराखण्डी लोक गीत गाएँ हैं। जो वीडियो हम आपको दिखा रहे हैं, उसे यू-ट्यूब पर साढ़े सात लाख से ज्यादा हिट्स मिल चुके हैं। उत्तराखण्ड को अपने लोकगीत संग्रह में नेगी जी के हर एक हिट गानों के साथ साथ बहुत सारे समर्थक भी संग्रह करने के लिए मिले हैं। आप भी इस वीडियो को सुनेंगे तो इसमें और भी ज्यादा खो जाएंगे। ये नेगी जी की कलम का ही जादू है, जो लोगों के सिर चढ़कर बोलता है।
उनके प्रभावशाली गीतों के लिए उन्हें कई बार पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। नेगी जी केवल वास्तविकता में विश्वास रखते हैं। इसीलिए उनके सभी गाने वास्तविकता पर आधारित होते हैं और इसी कारण नेगी जी उत्तराखण्ड के लोगों के दिल के बहुत करीब है। गढवाली गायक होने के बावजूद नेगी जी को कुमाऊंनी लोग भी उन्हें बहुत पसंद करते हैं। कहा जाता है कि नेगी जी "गुलजार साहब" के काम को बहुत पसंद करते हैं क्योंकि गुलजार की पुराने और नई रचनाओं में एक गहरा अर्थ होता है। गाना गाने के साथ ही नेगी जी लिखते भी हैं। कुल मिलाकर कहें तो ये वो वीडियो है, जिसे आप बार बार सुनना चाहेंगे। पहाड़ों की याद में बनाए गए इस गाने को सोशल मीडिया पर खूब प्रचारित किया जाता है। माना जाता है कि पहाड़ का कोई भी बाशिंदा कहीं भी रहता हो, इस गाने सुनकर पहाड़ की यादों में आंसू जरूर बहाता है। राज्य समीक्षा का पहाड़ के इस कालयजी सिंगर को सलाम।