image: Koteshwar mahadev the temple of lord shiva

इसलिए उत्तराखंड को कहते हैं देवभूमि...ये मंदिर है इसका प्रमाण..अद्भुत है ये कहानी....

May 21 2017 6:25AM, Writer:मीत

बार बार कहा जाता है कि उत्तराखंड देवभूमि है। यहां देवता निवास करते हैं। एक मंदिर है जो इसकी बानगी भी दे रहा है। रुद्रप्रयाग से महज 3 किलोमीटर दूर है बाबा भोलेनाथ का मंदिर कोटेश्वर धाम। ये ऐसा अलौकिक मंदिर है, जहां आप आकर ही मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। महादेव का प्रचीन शिवलिंग और मंदिर के पास ही कल कल बहती अलकनंदा। जो भी यहां आता है, बस इन नजारों में ही खो जाता है। इस मंदिर से भी रोचक इस मंदिर की कहानी है। एक गुफा है, जिसमें भगवान शंकर का लिंग बना है। कहते हैं कि ये लिंग यहां प्राचीन काल से मौजूद है, जो गवाही देता है कि उत्तराखंड हमेशा से ही देवों की भूमि रही है। कहते हैं कि भगवान शंकर को ये गुफा काफी पसंद है। दरअसल यहां का वातावरण ही ऐसा है कि आप भी एक बार के लिए ध्यान लगाकर बैठेंगे तो आपको अद्भुत आनंद की अनुभूति होगी।

कहा जाता है कि भस्मासुर से बचने के लिए भगवान शंकर इसी गुफा में छिपे थे। इसके अलावा ये भी कहा जाता है कि महाभारत के युद्ध के खत्म होने के बाद पांडव पापों से मुक्ति चाहते थे। पांडव भगवान शंकर से मुक्ति का वरदान मांगना चाहते थे। पांजडव जब भगवान शंकर को ढूंढ रहे थे तो वो प्रभु इसी गुफा में ध्यान की अवस्थआ में बैठे हुए थे। इस गुफा के बारे में कहा जाता है कि, जहां का माहौल बेहद ही शांति वाला और सम्मोहित कर देने वाला है। इस वातावरण में आकर लगता है कि सच में उत्तराखंड देवों की भूमि है। आभास होता है कि इस माहौल से किसी भी माहौल की तुलना नहीं की जा सकती। बेहद ही शआंत वातावरण में जब आप खुद को पाएंगे तो दुनिया से तमाम बंधनों से खुद को आजाद पाएंगे। कहा जाता है कि जीवन में एक बार जरूर कोटेश्वर महादेव के दर्शन करने चाहिए।

कहा ये भी जाता है कि केदारनाथ दर्शन से पहले कोटेश्वर महादेव के दर्शन कर लेने से सातों जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है। कोटेश्वर महादेव गुफा के अंदर प्राकृतिक रूप से बनी मूर्तियां और शिवलिंग प्राचीन काल से स्थापित हैं। यहां हर साल मेले का भी आयोजन किया जाता है। इस मेले में दूर दूर से लोग बाबा के दर्शन के लिए आते हैं। ये मेला महाशिवरात्रि के पर्व पर आयोजित किया जाता है। कुल मिलाकर कहें तो उत्तराखंड के अद्भुत इतिहास में से एक इतिहास कोटेश्वर महादेव का भी है, जिसे किसी भी हाल में भुलाया नहीं जा सकता। अगर आप भी केदरनाथ या फिर बद्रनाथ की यात्रआ पर जा रहे हैं तो रास्ते में पड़ने वाले कोटेश्वर महादेव के बारे में जानना ना भूलें। एक बार जरूर कोटेश्वर महादेव के दर्शन करें। आपकी यात्रा और जीवन सफल हो, राज्य समीक्षा की भगवान शंकर से ये ही प्रर्थना है।


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