हिंदुस्तान की ‘आयरन लेडी’ का अमेरिका को धांसू जवाब...ट्रम्प की अक्ल आई ठिकाने !
Jun 5 2017 5:18PM, Writer:मीत
भारत की तरफ से एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को करारा जवाब मिला है। इस बार पैरिस समझौते को लेकर देश की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्रम्प के लिए बड़ी बात कह डाली है। सुषमा ने पैरिस समझौते से अलग होते वक्त अमेरिकी राष्ट्रपति की भारत विरोधी टिप्पणी को गलत बताया है। सुषमा ने कहा कि भारत ने किसी लालच या दबाव में पैरिस समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए थे। इसके साथ ही सुषमा ने कहा कि भारत अभी इसका हिस्सा बना रहेगा। सुषमा ने कहा कि भारत ने पैरिस समझौते पर किसी के दबाव में आकर हस्ताक्षर नहीं किए। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता को देखते हुए भारत ने इस पर दस्तखत किए हैं। सुषमा ने कहा कि भारत की प्रतिबदद्धता 5000 साल पुरानी है। उन्होंने बताया कि भारत के लिए पर्यावरण सांस्कृतिक धरोहर है। अगर इसलिए कोई कहे कि दबाव या चंद रुपयों के लिए हस्ताक्षर किए गए तो ये गलत है।
उन्होंने कहा कि भारत पेरिस समझौते का हिस्सा बना रहेगा। हालांकि सुषमा ने कहा कि जिस तेजी से ओबामा के कार्यकाल में अमेरिका से भारत के संबंध मजबूत हुए थे, उसी तरह ट्रम्प के कार्यकाल में भी हो रहा है। उन्होंने बताया कि भारत और अमेरिका के नेता लगातार संपर्क में हैं। इससे पहले सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित इकॉनमिक समिट में मोदी भी ये ही बात बता चुके हैं। मोदी ने कहा था कि भारत प्राचीन काल से ही पर्यावरण की जिम्मेदारी को निभाता आ रहा है। इसके लिए मोदी ने वेदों का उदाहरण दुनिया के सामने पेश किया। इस फोरम में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी मौजूद थे। पुतिन की मौजूदगी में मोदी बोले कि भारत की विरासत सांस्कृतिक रही है। उन्होंने कहा कि 5 हजार साल पुराने शास्त्र भारत में मौजूद हैं। इन शास्त्रों को वेद के नाम से जाना जाता है। इसके साथ ही मोदी ने अथर्ववेद का जिक्र किया। अथर्ववेद के बारे में मोदी ने क्या कहा था, इस बारे में भी पढ़िए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अथर्ववेद पूरी तरह पर्यावरण को ही समर्पित है। मोदी ने दुनिया के सामने कहा कि भारत आज भी इन आदर्शों के साथ जीता है। मोदी ने कहा कि हर हिंदुस्तानी ये मानता है कि प्रकृति का शोषण और खिलवाड़ करना अपराध है। आपको बता दें कि कि हाल ही में पैरिस क्लाइमेट डील से बाहर निकलने की घोषणा कर डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत और चीन का पुरजोर विरोध किया था। ट्रंप ने कहा था कि भारत इस समझौते के तहत कई देशों से अरबों रुपये की मदद ले रहा है। खैर मोदी ने अपने ही अंदाज में दुनिया के सामने ट्रम्प को जवाब भी दिया है। मोदी ने निवेशकों को भारत में आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि 3 दशक के बाद भारत में क्लीयर मेज्योरिटी वाली सरकार बनकर आई है। इस वजह से भारत हर क्षेत्र में तेजी से काम कर रहा है। कुल मिलाकर कहें तो पहले मोदी और फिर सुषमा स्वराज ने डोनाल्ड ट्रम्प के बयानों का करारा जवाब दिया है।