image: Srikant uniyal success story

उत्तराखंडियों को उत्तराखंड से जोड़ दिया, ऐसे युवाओं पर हर पहाड़ी को नाज़ है

Jul 18 2017 8:34PM, Writer:रोहित

कुछ बातें, कुछ यादें और पहाड़ की वादियां। ये ही तो जिंदगी है हम पहाड़ियों की। उत्तराखंड से दूर कहीं रह रहे हैं। खाने कमाने के लिए जी रहे हैं लेकिन आंखों में पहाड़ और दिल में अपना गांव हमेशा रहता है। लेकिन कौन है, जो हमें इन पहाड़ों से जोड़े रखे ? हमारी यादों को ताजा करे, हमारे सपनों को जिंदा रखे। कौन अपनी मातृभूमि छोड़ना चाहता है ? बस एक मौके की तलाश है कि अपनी मातृभूमि की तरफ वापस चले जाएं। लेकिन कोई तो माध्यम है, जो हमें हमारी यादों से जोड़ रहा है। जी हां आज उत्तराखंड के कुछ युवा ऐसा ही कर रहे हैं। ऐसा ही एक नाम है श्रीकांत उनियाल और जया सक्सेना। ये वो नाम हैं जिसके बारे में शायद आप जानते नहीं होंगे। इन दोनों ने आज कुछ खास किया है। श्रीकांत भी अपने घर से दूर रहते हैं लेकिन मन में अपनी मातृभूमि के लिए कुछ करने का सपना था। आप सोच रहे होंगे कि आखिर हम उत्तराखंड के एक ऐसे शख्स के बारे में आपको क्यों बता रहे हैं, जिनका आपसे कोई वास्ता नहीं है ?

लेकिन सच कहें तो आपका वास्ता है। कहीं ना कहीं ये दोनों आपको पहाड़ की तरफ मोड़ रहे है। आप देश में हैं, विदेश में हैं, लेकिन ये दोंनों आपकी यादों को तरोताज़ा कर रहे हैं। ‘i love my uttarakhand sanskriti’ ये नाम तो आपने सुना ही होगा। फेसबुक का एक पेज है, जो हर उत्तराखंडी को पहाड़ों की तरफ खींच लाता है। यहां तक कि ये पेज हिंदुस्तान के जाने माने गायक सोनू निगम को भी पहाड़ों की तरफ खींच लाया। सोनू निगम का वास्ता भी उत्तराखंड से है, उनकी मां उत्तराखंड की ही रहने वाली थीं। खैर...श्रीकांत उनियाल टिहरी के एक छोटे से गांव चोपड़ियों के रहने वाले हैं। जया सक्सेना ऋषिकेश की रहने वाली हैं। श्रीकांत ने शुरुआती पढ़ाई गांव से की, फिर दिल्ली आए और यहीं से बाकी की पढ़ाई पूरी की। लेकिन आंखों में तो कुछ और सपना उफान मार रहा था। अपने उत्तराखंड के लिए कुछ करने का सपना। क्या करें, क्या ना करें, श्रीकांत के दिमाग में ये ही सवाल बार बार आते थे। हुनर ये था कि श्रीकांत एक अच्छे फोटोग्राफर हैं।

दिमाग में आया कि क्यों ना उत्तराखंड की कुछ तस्वीरें खींचकर फेसबुक पर शेयर की जाएं। तस्वीरें लोगों को पसंद आई तो एक आइडिया दिमाग में आया। भले ही दिल्ली में रहें लेकिन फेसबुक पर तो उत्तराखंडियों को एक मंच दे सकते हैं। बस फिर क्या था तैयार हुआ i love my uttarakhand sanskriti, आज श्रीकांत इस पेज पर करीब डेढ़ लाख उत्तराखंडियों को जोड़ चुके हैं। श्रीकांत के साथ इस काम में जया सक्सेना बखूबी हाथ बंटा रही हैं। दिल्ली में भले ही श्रीकांत अकाउंटेट का काम करते हैं। लेकिन आगे सपना है कि अपनी मातृभूमि की तरफ लौटना है। श्रीकांत कहते हैं कि उत्तराखंड का कोई भी सितारा हो, उसे अपने पेज के माध्यम से दुनिया के सामने रखते हैं। 26 जून को सोनू निगम ने अपने फेसबुक वॉल पर यही पेज शेयर किया और बकायदा लिखा कि ‘मेरी मातृभूमि को नमन’। बेहतरीन सी तस्वीरें आपको इस पेज पर मिलेंगी, बेहतरीन से वीडियो और उत्तराखंड की संस्कृति से जुड़े कुछ रोचक पहलू आपको इस पेज पर मिलेंगे। उत्तराखंडियों को उत्तराखंड से ‘डिजिटली’ जोड़ने का ये काम सच में लाजवाब है।


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