image: Story of colonal ajay kothiyal

देवभूमि का देवदूत, एक आर्मी ऑफिसर उत्तराखंड के लिए बना ‘रोल मॉडल’, जानिए कैसे ?

Jul 31 2017 7:22PM, Writer:कपिल

भारतीय सेना के जवानों और ऑफिसर्स की वीरता के किस्से तो आपने सुने होंगे। लेकिन आज हम आपको जो सुनाने जा रहे हैं, वो उत्तराखंड के लिए देवदूत से कम नहीं हैं। नर्नल अजय कोठियाल आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। देश सीमाओं से लेकर और मुल्क के अंदर हर चुनौती को बखूबी स्वीकार करने और उसे उसके अंजाम तक पहुंचाने का जुनून रखने वाले कर्नल अजय कोठियाल आज देश-दुनिया के लिए मिसाल बन गए हैं। कर्नल कोठियाल नेहर पर्वतारोहण संस्थान यानी एनआईएम के प्रिंसिपल हैं। केदारनाथ की आपदा के वक्त सुरक्षा और राहत देने का जिम्मा कर्नल कोठियाल ने ही संभाला था। केदारनाथ की आपदा ने सब कुछ तबाह कर दिया था। ऐसे में जब राज्य सरकार के सामने केदारनाथ धाम को फिर से खड़ा करने की चुनौती सामने आई तो सरकारी एजेंसियों ने हाथ खड़े कर लिए थे।

उस दौरान एनआईएम ने बाबा केदारनाथ को वापस उसके मूल स्वरुप लौटाने का जिम्मा लिया था। हाड़ कंपाने वाली ठंड़ के बावजूद एनआईएम ने बड़ी ही दिलेरी से वहां काम शुरु किया। कर्नल अजय कोठियाल ने भी केदारनाथ धाम में डेरा डाला। प्राकृतिक मुश्किलों से निपटने के लिए आधुनिक मशीनें केदारनाथ में उतारी गईं। देश के इतिहास में पहली बार मिग-26 जैसा विमान केदारनाथ में उतरा। आज देशवासी कर्नल कोठियाल के हौसले को लाम करते हैं। इसके साथ ही कर्नल उत्तराखंड के उन बच्चों की भी मदद करते हैं, जो शारीरिक रूप से अक्षम हैं। इन लड़कों में से एक लड़का है महेश शुक्ला। गुप्तकाशी के रहने वाले महेश ने एक हादसे अपना आधा शरीर ही गंवा दिया था। उसके इलाज का जिम्मा कर्नल कोठियाल ने उठाया था।

जो महेश कभी घिसट घिसट कर भी नहीं चल पाता था, आज वो अपने पैरों पर खड़ा है। कर्नल अजय कोठियाल 1992 में चौथी गढ़वाल राइफल में बतौर ऑफिसर शामिल हुए। देश की रक्षा करते हुए कर्नल अजय कोठियाल ने 7 आंतकियों को भी मार गिराया था। खुद भी 2 गोलियां उनके सीने में लगी थी। साहस के लिए उन्हें कीर्ती चक्र, शौर्य चक्र, विशिष्ट सेवा मेडल जैसे सम्मान दिए जा चुके हैं। कर्नल अजय कोठियाल ने आज तक शादी नहीं की है। वो अपनी पूरी तनख्वाह से राज्य के बेरोजगार युवाओं के लिए भारतीय सेना में शामिल होने के उद्देश्य से कैंप चलाते हैं। मौजूदा वक्त में राज्य के करीब 700 से 800 युवा उनके 6 स्थानों पर चलाए जा रहे कैंपों में ट्रेनिंग ले रहे हैं। आगे हम आपको कर्नल कोठियाल के लिए किए गए एक फेसबुक पोस्ट को दिखा रहे हैं। ये पोस्ट महेश शुक्ला ने ही की है, आप भी पढ़िए और अच्छा लगे तो खबर शेयर कीजिए।


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