Video: देवभूमि के शहीद को आखिरी सलाम, जनसैलाब में नम हुई लाखों आंखें, देखिए वीडियो
Aug 4 2017 7:30PM, Writer:नितिन
उत्तराखंड के शहीद मेजर कमलेश पांडे को नम आंखों के बीच लोगों ने आखिरी विदाई दी। उत्तराखंड का ये लाल इसके साथ ही लाखों करोड़ों दिलों में अपनी अलग ही छाप छोड़ गया। देश की खातिर अपनी जान देने वाले इस वीर पहाड़ी को विदा देने के लिए हजारों लोग शामिल थे। जो भी इस जनसैलाब में शामिल था, वो बस ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, कमलेश तेरा नाम रहेगा’ के नारे लगा रहा था। इस जनसैलाब में बूढ़े से लेकर बच्चे और महिलाएं भी शामिल थी। राखी के त्योहार से पहले ही मेजर कमलेश की टीम को पता चल गया था कि आतंकी भारत में घुसकर कुछ बड़ी वारदात करने की कोशिश कर रहे हैं। देशवासियों का रक्षाबंधन खुशी खुशी बीते, इसके लिए मेजर कमलेश ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। आपके हाथों में आपकी बहन की राखी हो, इसके लिए मेजर कमलेश अपने बहन की राखी भूल गए और चल पड़े दुश्मनों से लोहा लेना के लिए।
मेजर कमलेश अपने पीछे दो साल की बच्ची को छोड़कर गए हैं। इस बच्ची का जन्मदिन भी इसी महीने है। आप आज अपने परिवार को खुश देखना चाहते हैं, और आपके परिवार की खुशी के लिए मेजर कमलेश ने अपनी जान कुर्बान कर दी। बुधवार रात को ही कमलेश ने फोन पर पिता से ढेर सारी बातें की थी। पिता बताते हैं कि बेटे ने मोबाइल फोन पर रात को बात की थी। इस बातचीत के दौरान ही कमलेश ने बताया कि आतंकियों के खिलाफ एक जरूरी ऑपरेशन चल रहा है। कमलेश ने वादा किया था कि दोबारा फोन करेगा लेकिन ऐसा नहीं हो सका। बृहस्पतिवार सुबह साढ़े आठ बजे सेना के एक अधिकारी की कॉल ने पूरे परिवार को सदमे में डाल दिया। सैन्य अधिकारी ने बताया कि उनका बेटा शोपियां घाटी में देश के लिए शहीद हो गया है। जम्मी कश्मीर के शोपियां में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान उत्तराखंड के मेजर कमलेश शहीद हो गए।
मेजर कमलेश अपने पीछे दो साल की बेटी और पत्नी को छोड़ गए। आर्मी हेडक्वार्टर ने इस खबर की पुष्टि की है कि हल्द्वानी-ऊंचापुल निवासी मेजर कमलेश पांडे सहित दो सैनिक शहीद हो गए। जबकि एक सैनिक घायल हुआ है। मेजर कमलेश पाण्डेय 62 राष्ट्रीय रायफल में जम्मू कश्मीर में तैनात थे।मेजर कमलेश पांडे की शहादत पर पूरे हिंदुस्तान की आंखें नम हैं। इस बीच हम आपको एक वीडियो दिखा रहे हैं। ये वो वीडियो है जिसमें दिख रहा है कि मेजर कमलेश को आखिरी सलाम देने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ा है। उत्तराखंड ने देश को ना जाने कितने ऐसे वीर दिए हैं, जिन्होंने सीमा पर हंसते हंसते अपनी जान कुर्बान कर दी। इससे पहले करगिल युद्ध की ही बात करें तो इस युद्ध में उत्तराखंड के वीर जवानों से सबसे ज्यादा कुर्बानी दी थी। एक बार फिर से उत्तराखंड का एक वीर सपूत मातृभूमि की बलिवेदी पर चढ़ गया है। राज्य समीक्षा का इस वीर जांबाज को सलाम।