image: kartik swami tample in uttarakhand

ये हैं देवभूमि के रक्षक, यहां रहते हैं महादेव के पुत्र और देवताओं के सेनापति !

Aug 12 2017 10:37AM, Writer:प्रगति

आज हम आपको उत्तराखंड के एक एक देवस्थान के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां महादेव के पुत्र और देवताओं के सेनापति निवास करते हैं। जी हां यहां भगवान कार्तिकेय निवास करते हैं। इस जगह को लेकर एक बहुत की पवित्र कहानी है, जो कि हमारे शास्त्रओं और पुराणों में है। कहा जाता है कि एक बार भगवान शिव ने अपने दोनों पुत्रों गणपति और कार्तिकेय से एक बात कही थी। महादेव ने कहा था जो पुत्र पूरे ब्रह्मांड के सात चक्कर लगाकर पहले आएगा, वो ही देवताओं में सबसे पहले पूजा जाएगा। भगवान कार्तिकेय तो मयूर पर सवार होकर ब्रह्मांड का चक्कर लगाने के लिए चल पड़े। लेकिन भगवान गणेश थोड़ा चतुर थे। भगवान गणेश ने ब्रह्मांड के चक्कर लगाने के बजाय माता-पिता यानी भगवान शंकर और माता पार्वती के चक्कर लगा दिए। इस तरह से गणपति ने ये प्रतियोगिता जीत ली।

जब भगवान कार्तिकेय ब्रह्मांड के सात चक्कर लगाकर वापस आए तो देखा कि उनके स्थान पर भगवान गणेश की ही पूजा हो रही है। इससे कार्तिकेय क्रोधित हो गए। उस वक्त उन्होंने अपने शरीर की हड्डियाँ अपने पिता दी और अपने शरीर मांस अपनी माता पार्वती को दे दिया। इसके बाद भगवान कार्तिकेय सब कुछ त्याग कर क्रोंच पर्वत पर चले गए। ये क्रोंच पर्वत उत्तराखंड में ही मौजूद है। यहीं भगवान कार्तिकेय को समर्पित कार्तिक स्नामी मंदिर है। कहा जाता है कि इस मंदिर में भगवान कार्तिकेय की अस्थियां अभी भी मंदिर में मौजूद हैं जिन्हें हज़ारों भक्त पूजते हैं। रुद्रप्रयाग–पोखरी मार्ग पर स्थित इस मंदिर तक कनक चौरी गांव से 3 किमी की ट्रेकिंग के द्वारा पहुंचा जा सकता है। ये मंदिर खूबसूरत घने नैसर्गिक जंगलों से घिरा हुआ है।

इसके साथ ही यहां एक छोटा सा भूमिगत जल कुंड है जो एक प्राकृतिक धारा के साथ हमेशा भरा रहता है। यात्री कुंड के जल से विशुद्ध पाने के बाद ही मंदिर मे दर्शन करते हैं। ये मंदिर समुद्रतल से 3048 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। मंदिर के चारों ओर घंटियों की कतारें सी लगी है। ये घंटियां इस बात का सबूत हैं कि ये तीर्थ एक मनोकामना सिद्धि स्थल है। अगर आप भाग्यशाली हो और मौसम साफ़ हो तो इस पवित्र स्थल से बंदरपूंछ, केदारनाथ, सुमेरू, चौखंबा, नीलकंठ, द्रोनागिरी, नंदा देवी आदि पर्वत शिखरों के भव्य व मनोहारी दर्शन होते हैं। क्रौंच पर्वत पर स्थित भगवान कार्तिक स्वामी मंदिर में हर साल महायज्ञ और श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जाता है। यह मंदिर बारह महीने श्रद्धालुओं के लिये खुला रहता है। कुल मिलाकर कहें तो आपको इस मंदिर में आकर असीम शांति मिलेगी।


  • MORE UTTARAKHAND NEWS

View More Latest Uttarakhand News
  • TRENDING IN UTTARAKHAND

    View More Trending News
    • More News...

    News Home