image: Manani mata temple in madmaheshwar ghati

मिलिए देवभूमि की रक्षक ‘मनणी माई’ से, ये है तंत्र और मंत्र केंद्र बिंदु !

Aug 18 2017 8:01AM, Writer:दीपिका

कहते हैं कि देवभूमि उत्तराखंड के कण कण में भगवान बसे हैं। इस धरती को आप जितना जानने की कोशिश करेंगे, उतना ही रहस्य में डूबते जाएंगे। आज हम आपको एक अद्भुत , अद्वितीय और अलौकिक शक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं। ये शक्ति ही देवभूमि की रक्षक है। ये शक्ति ही देवभूमि में प्राणों का प्रवाह करती है। ये शक्ति ही है जो हर वक्त हर पल मानव जाति की रक्षा करती है। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले की मदमहेश्वर घाटी ये मंदिर विराजमान है। मद्महेश्वर घाटी की प्रसिद्ध मनणी माई की एक तय वक्त में लोक यात्रा पूजा होती है। ये लोक यात्रा पूजा बेहद ही शानदार और दर्शनीय होती है। रांसी के रांकेश्वरी मंदिर से ये यात्रा शुरू होती है और इसके बाद मनणी माई की डोली रांसी गांव से हिमालय के ऊंचे पहाड़ों में स्थित स्थित मनणी धाम के लिए रवाना होती है।

ये यात्रा 25 किलोमीटर की पैदल यात्रा होती है। जहां मां मनणी का मंदिर है, वो जगह देखकर आपकी आंखें फटी रह जाएंगी। बेहद ही शांत वातवरण, हरी भरी वादियां और बुग्याल, इन सबके बीच में स्थित हैं मां मनणी देवी का मंदिर। कहा जाता है कि मां मनणी आपके मन की बात पढ़ लेती हैं। मां मनणी की यात्रा के लिए बकायदा तांबे की डोली बनाई गई है। ये यात्रा मनणी जात यात्रा के नाम से भी जानी जाती है। ये यात्रा सनेरा, थोली और ना जाने कितने बुग्यालों का सफर तय करती हुई मनणी धाम तक पहुंचती है। कहा जाता है कि मां दुर्गा ने राक्षसराज महिषासुर का वध इसी जगह पर किया था। इसके साथ ही मां दुर्गा ने संपूर्ण मानव जाति की रक्षा की थी। इस वजह से कहा जाता है कि यहीं से मां मनणी संपूर्ण मानव जाति पर नजर रखती है। अब आपको यहां के बारे में एक और खास बात बताते हैं।

कहा जाता है कि मां मनणी के धाम में तंत्र साधना और मंत्र साधना के केंद्र बिंदु है। दूर दूर से लोग यहां आकर तंत्र और मंत्र साधना में सिद्धि प्राप्त करते हैं। जिस तरह से उत्तराखंड के कालीशिला और कालीमठ में तंत्र साधना होती है, कुछ ऐसी ही साधना मां के इस धाम में होती है। कहा जाता है कि यहां अगर आपने मन से मां की आराधना की तो आपकी हर मुराद पूरी हो जाती है। इस क्षेत्र के लोगों का मां मनणी पर पूरा विश्वास है। यहां आने वाले साधकों का कहना है कि इस स्थान पर मां की साधना करने से अभिष्ठ की प्राप्ति होती है। यहांमें दूर-दूर तक हरे-भरे मखमली बुग्याल फैले हैं। ये वलो जगह है जो पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। बताया जाता है कि ट्रैकिंग करने वाले यहां से खांम ग्लेशियर और हथिनी पीक होते हुए केदारनाथ तक भी पहुंचते हैं।


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