इस मंदिर में भगवान की मौजूदगी का सबूत ! पानी से जलता है दीपक
Aug 18 2017 8:56PM, Writer:Shantanu
भारत को महान देश हम सभी लोग मानते हैं। हमारे देश में परंपराओं और आस्था का अपना ही महत्व है। कहते हैं कि अगर आस्था है तो पत्थर में भी भगवान दिखाई देते हैं। दरअसल यहां पर ऐसे ऐसे लोग हुए हैं जो अपने कारनामों के कारण पूरी दुनिया में विख्यात हुए हैं। भगवान पर लोगों को इतना ज्यादा भरोसा है कि उसकी कोई हद नहीं है। भारत में कई देवी देवताओं की पूजा होती है। मंदिरों में हर मौके पर भीड़ रहती है। हैरान करने वाली बात ये है कि भारत में कई ऐसे मंदिर हैं जहां पर ऐसी चीजों होती हैं जिनके बारे में विज्ञान भी कुछ नहीं कह पाता है। हिमाचल प्रदेश के ज्वालपा देवी मंदिर में हमेशा अग्नि प्रज्वलित रहती है। वो किस ईंधन से जल रही है इसके बारे में पता नहीं है लेकिन वो हमेशा जलती रहती है। ये लोगों के अचरज और कौतूहल का विषय है। इसे भगवान का चमत्कार मानते हैं।
आज हम आपको ऐसे ही एक और चमत्कारी मंदिर के बारे में बताएंगे। मध्य प्रदेश में एक मंदिर है जहां पर पानी से दीपक चलता है। ये भी भगवान का चमत्कार माना जाता है। ये मंदिर भक्तों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। इस मंदिर में आने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस मंदिर में दीपक जलाने के लिए तेल या घी का इस्तेमाल नहीं करते हैं। यहां पर पानी से दीपक जलता है। ये मंदिर मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में कालीसिंध नदी के किनारे गडिय़ाघाट वाली माताजी का मंदिर है। इस मंदिर में पिछले 5 सालों से जो दीपक जल रहा है वो पानी से जल रहा है। हैरानी की बात तो ये है कि इस दीपक को जलाने के लिए घी या तेल का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इस बारे में मंदिर के पुजारी से बात की गई तो उन्होंने भी यही कहा। मंदिर के पुजारी ने कहा कि दीपक को जलाने के लिए उसमें कालीसिंध नदी का पानी डाला जाता है। वो इसी पानी से जलता है।
मंदिर के पुजारी का कहना है कि जब दीपक में पानी डाला जाता है तो वो पानी चिपचिपा तरल हो जाता है, जिससे दीपक जल उठता है। इस घटना के कारण मंदिर को चर्चा मिल रही है। लोग इससे भगवान का चमत्कार मान रहे हैं। इस चमत्कार को देखने के लिए लोग दूर दूर से आते हैं। इसे ये कहकर प्रचारित किया जाता है कि ये भगवान की मौजूदगी का प्रमाण है। मंदिर के पुजारी बताते हैं कि जो लोग मंदिर में आते हैं वो ये मानकर आते हैं कि ये झूठा प्रचार है। लेकिन वो यहां पर पानी से दीपक को जलता देख कर हैरान हो जाते हैं। भगवान पर उनका विश्वास और बढ़ जाता है। कुछ लोग कहते हैं कि ये मंदिर को चर्चा दिलाने के लिए किया गया ढोंग है। बहरहाल इस में कितनी सच्चाई है इस बारे में पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है।