सरकारी रोक के बावजूद शिक्षा विभाग में तबादलों का खेल
Aug 26 2017 4:57PM, Writer:उत्तर
प्रतिनियुक्ति के नाम पर हुए 23 शिक्षकों के तबादलों में पकड़ में आई गंभीर अनियमितताओं के चलते शिक्षा मंत्री ने अगले ही दिन उसका पटाक्षेप भी कर दिया है । शिक्षकों के तबादले के आदेश फिलहाल निरस्त कर दिए गए हैं। ट्रांसफर हुए शिक्षकों को मूल तैनाती पर वापस भेज दिया गया है । पड़ताल में पता लगा है कि तबादलों और प्रति नियुक्ति पर रोक के बावजूद भी प्रदेश के शिक्षा विभाग में चहेतों के तबादले का खेल खेला जा रहा था । सोमवार को सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक ने राज्य के 23 शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति के आदेश जारी किये थे। जहाँ अनिवार्यता और अनुरोध के बाद भी तबादले की गुंजाइश नहीं है, वहां इतने बड़े पैमाने पर तबादलों को हरी झंडी मिलने पर कई सवाल उठे थे । ये भी पता लगा है कि अपने चहेतों को उनकी सुविधाजनक स्थानों पर तैनाती के लिए शिक्षकों को परियोजना कार्यालयों में भेजा जा रहा था। मीडिया में खबर वायरल होने के बाद शिक्षा मंत्री ने मामले का संज्ञान लेते हुए तत्काल ही तबादलों के आदेश को निरस्त कर दिया है ।
आपको ये भी बताना चाहेंगे कि पहले में भी प्रतिनियुक्ति पर भाजपा के कई नेताओं की पत्नियों के सुगम में तबादले हो चुके हैं। भारी विवाद होने के बाद सरकार कि जमकर फजीहत भी हुई थी। इन हुए तबादलों में डॉ अर्चना गुप्ता जीआईसी लाखामंडल से राज्य परियोजना कार्यालय देहरादून , दरबान सिंह भंडारी , एसएनकेजीआईसी बडखोलू. पौड़ी से जिला परियोजना कार्यालय हरिद्वार,राकेश प्रसाद उनियाल जीआईसी श्रीकालखाल डुंडा, उत्तरकाशी से जिला परियोजना कार्यालय देहरादून , द्वारिका प्रसाद पुरोहित जीआईसी अलकापुरी चमोली से राज्य परियोजना कार्यालय देहरादून , अंजुम फातिमा को जीआईसी खुड़बुड़ा से राज्य परियोजना कार्यालय देहरादून जबकि यहीं से प्रदीप रावत को जिला परियोजना कार्यालय हरिद्वार भेजा जाना था । इसी के साथ लक्ष्मी बिष्ट गडिया को जीआईसी मुन्दोली चमोली से जिला परियोजना कार्यालय देहरादून , दीपक कुमार को जीआईसी जयंती कोटियाड़ा रुद्रप्रयाग से देहरादून, विद्यासागर को जीआईसी भनोली अल्मोड़ा से पिथौरागढ़ , सुन्दर सिंह नेगी को जीआईसी स्योली तल्ली पौड़ी से जिला परियोजना कार्यालय हरिद्वार, डॉ वरदान सिंह को राजकीय माध्यमिक विद्यालय हरिद्वार से जिला परियोजना कार्यालय हरिद्वार , विनोद कुमार को जीआईसी सिप्टी चम्पावत से जिला परियोजना कार्यालय चम्पावत भेजा गया है ।
सरकार द्वारा तबादलों पर पूरी तरह से रोक का फैसला पूरी तरीके से लागू होता नहीं दिख रहा, ऐसे में क्या मुख्यमंत्री कोई कड़ा कदम उठाएँगे, ये सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है। शिक्षा विभाग के ही एक अधिकारी ने ये भी बताया है कि कुछ दिन पूर्व पांच शिक्षकों के गुपचुप तरीके से तबादले किये गए हैं । सरकार द्वारा तबादलों पर पूरी तरह से रोक के फैसले के बावजूद इतनी बड़ी संख्या में प्रतिनियुक्ति के नाम पर हुए तबादलों में हुई अनियमितता सामने आने के बाद प्रदेश के शिक्षा विभाग की जमकर किरकिरी हुई है । जिसके बाद खुद शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय ने मामले का संज्ञान करते हुए तबादलों पर रोक लगाते हुए शिक्षकों को अपनी मूल तैनाती में ही काम करने के निर्देश दे दिए हैं । गुपचुप तरीकों से सरकार द्वारा तबादलों पर पूरी तरह से रोक के बावजूद हो रहे तबादलों के पीछे सियासी जुगाड़बाजी से भी इनकार देखना दिलचस्प होगा कि सरकार कब सियासत में लगे इस जुगाड़बाजी के घुन को निकाल फेंकती है।