Video: उत्तराखंड की ‘मां कालिंका’, जहां मां दीवार पर लिखती हैं भक्तों की मनोकामना !
Sep 2 2017 7:53PM, Writer:सुनीता
उत्तराखंड को चमत्कारों की धरती ऐसे ही नहीं कहा जाता। यहां कदम कदम पर आपको नए नए अलौकिक चमत्कार दिखेंगे। ऐसा ही एक शक्तिपीठ है मा कलिंका का। जो अपने रहस्य और चमत्कारों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। यहां देवी मां खुद भक्तों के बीच आती हैं और चमत्कार दिखाती है। यकीन मानिए आपको यहां ऐसे चमत्कार दिखेंगे कि आखों पर भी यकीन नहीं होता। अगर आप सच्चे दिल से मनोकामना लेकर जाएं तो आपको यहां कुछ कहने की जरूरत नहीं है। कहा जाता है कि यहां माता खुद आपकी मनोकामना बताती हैं। इसके साथ ही मौके पर ही आपकी मनोकामना का समाधान भी होता है। देवी मां का ये मंदिर टिहरी के बटखेम गांव में है। मां कालिंका का मंदिर अपने चमत्कारों के लिए दुनियाभर में लोकप्रिय है। दुनियाभर से लोग यहां अपने मन की मुरादें लेकर आते हैं।
ये चमत्कार ही है कि यहां महाकाली की डोली भक्तों की मनोकामना को दीवार पर लिखती हैं। इसके बाद हर भक्त की समस्या का समाधान किया जाता है। कहा जाता है कि देवी का पश्वा अपने हाथों पर सूखे चावलों को भिगोता है और तुरंत ही हरियाली में बदल देता है । ऐसा चमत्कार आपने दुनिया में कहीं नहीं देखा होगा। लोग ये देखकर हतप्रभ रह जाते हैं। इस मंदिर के बारे में एक खास बात और भी कही जाती है। मान्यता है कि माता के दर पर आने वाले निसंतान दंपतियों को संतान का सुख जरूर मिलता है। नई टिहरी से बटखेम गांव बपांच किलोमीटर दूर पड़ता है। ये गांव 57 परिवारों वाला गांव है। इसी गांव में मां कालिंका का भव्य मंदिर है। हर रविवार को मंदिर परिसर में एक खास पूजा-अर्चना होती है। माता की डोली का आह्वान किया जाता है। इसके बाद मां खुद भक्त को अपने पास बुलाती है और उसकी समस्या का समाधान करती है।
यहां दूर-दराज के क्षेत्रों से लोग अपनी परेशानियां लेकर आते हैं। मान्यता है कि देवी का पश्वा थाली से एक मुठ्ठी चावल लेता हैं। इसके बाद पानी से भिगोकर उसी समय हाथ पर हरियाली तैयार करते हैं। इसके बाद अपने छत्र से दीवार पर भक्तों की समस्या लिखी जाती है। समस्या के साथ साथ समस्या का समाधान भी लिखा जाता है। इस मंदिर में उत्तराखंड के ही नहीं बल्कि देश विदेश से लोग आते हैं। खास बात ये है कि यहां दिल्ली, मुंबई, राजस्थान से कई फरियादी आते हैं। हर भक्त की मनोकामना को मां पूर्ण करती हैं। उत्तराखंड की कुछ खास वजहें हैं और इन वजहों से ही इसे देवभूमि का दर्जा दिया गया है। ये ही वो मंदिर है जहां विज्ञान भी फेल हो चुका है। हर बार यहां ऐसे ऐसे चमत्कार होते हैं कि खुद वैज्ञानिक भी हैरान हो जाते हैं। स्थानीय लोग कहते हैं कि आज माता से आशीर्वाद लेने वालों में कई वैज्ञानिक भी हैं।