Video: उत्तराखंड के इस मंदिर में मौजूद है भगवान गणेश का कटा सिर, देव्य देवभूमि
Sep 3 2017 11:49AM, Writer:सुरेश
उत्तराखंड की मान्यताएं, यहां की सभ्यता और यहां की संस्कृति ने हर किसी को नतमस्तक किया है। देवभूमि में एक ऐसी गुफा है, जहां की मान्यताएं आपको हैरान कर देंगी। कहा जाता है कि इस गुफा में भगवान गणेश जी का कटा हुआ सिर मौजूद है। कहा जाता है कि इस मंदिर में गणपति की बिना सिर की प्रतिभा भी स्थित है। कहा जाता है कि इस प्रतिमा के ऊपर 108 पंखुड़ियों वाला ब्रह्मकमल है। इस ब्रह्मकमल से लगातार पानी की बूंद टपकती रहती है। जी हां हम बात करे रहे हैं पाताल भुवनेश्वर गुफा की। इस गुफा में अब तक ऐसी ऐसी बातें निकलकर सामने आई हैं कि एक बार के लिए हर कोई हैरान रह जाता है। इस गुफा के लिए कहा जाता है कि यहां कलियुग के अंत का भी राज छुपा है। यहां के लिए आपको कुमाऊं के अल्मोड़ा से सेराघाट होते हुए गंगोलीहाट पहंचना होता है।
यहां अद्भुत शक्तियों और ऊर्जाओं का अहसास आपको खद होगा। स्कंद पुराण में इस गुफा के विषय में कहा गया है कि इसमें भगवान शिव का निवास है। सभी देवी-देवता इस गुफा में आकर भगवान शिव की पूजा करते हैं। गुफा के अंदर जाने पर आपको इसका कारण भी समझ में आने लगेगा। गुफा के संकरे रास्ते से जमीन के अंदर आठ से दस फीट नीचे जाने पर गुफा की दीवारों पर कई ऎसी आकृतियां नजर आने लगती हैं जिसे देखकर आप हैरान रह जाएंगे। यह आकृति एक हंस की है जिसके बारे में यह माना जाता है कि यह ब्रह्मा जी का हंस है। गुफा के अंदर यहां हवन कुंड है। इस कुंड के बारे में कहा जाता है कि इसमें जनमेजय ने नाग यज्ञ किया था जिसमें सभी सांप भष्म हो गए थे। केवल तक्षक नाग ही बच गया जिसने राजा परीक्षित को काटा था। कुंड के पास एक सांप की आकृति जिसे तक्षक नाग कहा जाता है।
पाताल भुवनेश्वर गुफा में एक साथ दर्शन कीजिए चार धामों के। ऎसी मान्यता है कि इस गुफा में एक साथ केदारनाथ, बद्रीनाथ, अमरनाथ के दर्शन होते हैं। इसे दुर्लभ दर्शन माना जाता है जो किसी अन्यतीर्थ में संभव नहीं होता। गुफा के अंदर आपको 33 करोड देवी देवताओं की आकृति के अलावा शेषनाग का फन नजर आएगा। इस रहस्यमयी गुफा के बारे में कहा जाता है कि पाण्डवों ने इस गुफा के पास तपस्या की थी। काफी समय तक लोगों की नजरों से दूर रहे इस गुफा की खोज आदिशंकराचार्य ने की थी। गुफा के अंदर यह है गणेश जी का सिर जो इस कथा की याद दिलाता है कि भगवान शिव ने गणेश जी का सिर काट दिया था। इस गुफा में चार खंभे हैं जो चार युगों अर्थात सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग तथा कलियुग को दर्शाते हैं। अब आप ये वीडियो जरूर देखिए।