Video: उत्तराखंड का जादू सिर चढ़कर बोलेगा…देखिए...बॉलीवुड की टक्कर का नया पहाड़ी गीत !
Oct 8 2017 3:32PM, Writer:मीत
अपने पति की यादों में खोई एक लड़की को नई जिंदगी की शुरुआत करनी है। लेकिन कहां से शुरू करे ? एक बेटी अपने पापा को बार बार याद करती है, कागज पर तस्वीरें उकेरती है तो पिता भी उस तस्वीर में होते हैं। विधवा मां ये देखकर सोच के सागर में गोते लगाती है, कि क्या सच में ये ठीक रहेगा। परिवार से मिला समर्थन और उसकी चाह उसके एक नई जिंदगी देती है। कमाल की सोच है, कमाल का गीत है, कमाल की वीडियोग्राफी है और हर धुन से मिलती संवेदना सच में कलेजा चीर देती है। ये शब्द लिखते हुए मैं ये बताना चाहता हूं कि खुद भी इस गीत को कई बार सुन चुका हूं। मन में एक सवाल उठता है कि क्या सच में उत्तराखंड का संगीत आज उस पड़ाव पर पहुंच गया है, जहां एक नई कल्पना जन्म ले रही है ? फिर एक बार इस गीत को सुनता हूं तो दिल कहता है कि वो कल्पना भी तो इसी कायनात की है, इसलिए सच ही होगा।
फिर सवाल उठता है कि क्या सच में उत्तराखंड की एक लड़की अपने दिल में मातृभूमि के लिए इतना प्यार रखती है। मैं त्विशा भट्ट की ही बात कर रहा हूं। मैं कई बार देख चुका हूं कि लोग त्विशा से सवाल करते हैं कि आपको पहाड़ी बोलनी आती है ? मेरा जवाब उन लोगों के लिए ये है कि सिर्फ पहाड़ी बोलने से आप पहाड़ी बनी बन जाते, पहाड़ के लिए कुछ कर गुजरना, जो इतिहास बन जाए, असल मायनों में पहाड़ी की परिभाषा ही ये है। त्विशा ने इस बार जो किया, उसकी कल्पना भी शब्दों से परे है। इसलिए कलम को विराम, त्विशा को बधाई, संगीत को सलाम और देवभूमि को प्रणाम। ये गीत जरूर सुनिएगा। कौन कहता है कि उत्तराखंड के संगीत में दम नहीं है ? दम है, और हम गर्व से कहते हैं कि इस संगीत को एक नई दिशा मिल रही है। एक दिशा, जो इसे इतिहास के पन्नों से जोड़ रही है। वो दिशा, जो दुनिया को नया संदेश दे रही है। वो दिशा, जिसके बारे में जानकर और समझकर दिल को सुकून मिलता है।
ये बात तो सच है कि कोई उत्तराखंड से दूर होकर कहीं भी रहे, लेकिन एक उसकी छोटी सी कोशिश भी इतिहास रच सकती है। ऐसा ही काम उत्तराखंड के ये चेहरे कर रहे हैं। त्विशा भट्ट और अनमोल प्रोडक्शन एक बार फिर से हमारी यादों के पन्नों से कुछ निकालकर लाए हैं। एक अलग अंदाज और बेहतरीन काम, इसके बाद तैयार हुआ है ये ऐतिहासिक गीत, जो कभी उत्तराखंड के कालजयी गीतकार गोपाल बाबू गोस्वामी जी ने तैयार किया था। इस गीत के जरिए दुनियाभर को एक संदेश देने की कोशिश की गई है, जो सच में लाजवाब है। जिस समाज में महिला के पुनर्विवाह को गलत ठहराया गया है, उसी समाज को ये संदेश देने की कोशिश की गई है कि एक महिला को उसका हक इस्तेमाल करने का पूरा अधिकार है। ‘हाय तेरी रुमाला’ को इस तरह से भी पेश किया जा सकता है, कभी सोचा नहीं था। लेकिन अद्भुत, कमाल और शानदार...और क्या कहें इस पेशकश को ? त्विशा भट्ट ने एक बार फिर से बेहतरीन अदाकारी दिखाई है।