गढ़वाल राइफल के वीर सूबेदार, योगी आदित्यनाथ के छोटे भाई, बॉर्डर पर तैनात
Oct 25 2017 5:25PM, Writer:सुमित
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के बारे में आप बहुत कुछ जानते होंगे। आप ये भी जानते होंगे कि योगी आदित्यनाथ का ताल्लुक पौड़ी जिले से है और उनका पूरा नाम अजय सिंह बिष्ट है। लेकिन उनके परिवार के बारे में बहुत कम ही लोगों को जानकारी है। ऐसे में हम आपको एक ऐसी खबर बताएंगे, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। क्या आप जानते हैं कि योगी आदित्यनाथ के छोटे भाई शैलेंद्र मोहन बिष्ट भारतीय सेना में 'सूबेदार' हैं। शैलेंद्र मोहन बिष्ट चीन से सटती वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात हैं। शैलेंद्र मोहन गढ़वाल स्काउट यूनिट में माणा बॉर्डर पर तैनात हैं। माणा बॉर्डर चीन के साथ लगी हुई है। आपको पता होगा कि ये ही वो रास्ता है, जहां से चीन की सेना ने कई बार घुसपैठ करने की नाकाम कोशिश की है। भारतीय सेना ने बार बार चीन के सैनिकों को करारा जवाब दिया है।
इसी गढ़वाल राइफल में सूबेदार हैं शैलेंद्र मोहन बिष्ट। गढ़वाल स्काउट यूनिट स्थानीय लोगों को पहाड़ी सीमाओं की रक्षा के लिए सैनिकों के रूप में तैयार करती है। बॉर्डर के दूसरी तरफ चीन की सेना द्वारा घुसपैठ की बढ़ते खतरों के की वजह से माणा की सीमा का काफी सामरिक महत्व है। सूबेदार शैलेंद्र मोहन अपने बड़े भाई योगी आदित्यनाथ को बेहद पसंद करते हैं। वक्त की कमी की वजह से वो अपने बड़े भाई से नहीं मिल पाते। योगी आदित्यनाथ से उनकी आखिरी मुलाकात दिल्ली में हुई थी। उत्तर प्रदेश के सीएम बनने के बाद योगी से उन्होंने ये मुलाकात की थी। अपने बड़े भाई के बारे में बात करते हुए शैलेंद्र मोहन कहते हैं कि 'बड़े भाई योगी ने ही उनसे मातृभूमि की सेवा करने के लिए कहा था। आपको बता दें कि योगी आदित्यनाथ के तीन भाई हैं। इनमें पहले मानवेंद्र मोहन हैं, जो कि योगी से बड़े हैं।
इसके अलावा शैलेंद्र और महेंद्र मोहन उनसे छोटे हैं। 5 जून 1972 को उत्तराखण्ड के पौड़ी गढ़वाल जिले स्थित यमकेश्वर तहसील के पंचुर गाँव में योगी आदित्यनाथ का जन्म हुआ। इनके पिता का नाम आनन्द सिंह बिष्ट है जो एक फॉरेस्ट रेंजर थे। इसके अलावा इनकी मां का नाम सावित्री देवी है। आज हर पहाड़ी गर्व करता है कि योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य के सीएम हैं। ये बात भी गर्व की ही है कि योगी के भाई शैलेंद्र मोहन बिष्ट सूबेदार के तौर पर बॉर्डर पर तैनात हैं और देश की रक्षा कर रहे हैं। राज्य समीक्षा की टीम ऐसे जांबाज को भी सलाम करती है जो दिन रात और वक्त की परवाह किए बिना देश की रक्षा के लिए बॉर्डर पर तैनात है। देश की सेना को सलाम, इस वीर सूबेदार के हौसले को सलाम, जिसने सब कुछ होने के बाद देश की सेवा को चुना है। जाहिर है हर पहाड़ी को ये खबर पढ़कर गर्व होगा।