image: Story of lieutenant general balwant singh negi

देवभूमि का नायक, लेफ्टिनेंट जनरल बलंवत सिंह नेगी, चीन-पाकिस्तान का बाप है ये हीरो

Nov 16 2017 3:00PM, Writer:अमन

कुछ कहानियां ऐसी होती हैं, जिनके बारे में हम उत्तराखंडियों को हर हाल में जानना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि ये हमारे लिए गौरवशाली कहानियां हैं। आज हम बात करते जा रहे हैं उस सेनानायक की, जो फिलहाल तो चीन और पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी परेशानी है। पहाड़ जैसे हौसले वाले लेफ्टिनेंट जनरल बलवंत सिंह नेगी। मध्य कमान के इस सेनाध्यक्ष ने हाल ही में चीन की सीमा का दौरा किया है। इसके अलावा उन्होंने हाल ही में गुंजी में सेना के तमाम अधिकारियों और फौजियों से मुलाकात की है। गूंजी वो इलाका है जहां से भारत और चीन की सीमा सटी है। इस सेनाधिकारी ने मानों कसम ली है कि देवभूमि में घुसने से पहले ही चीनी सेना के हौसले पस्त कर दिए जाएंगे। गूंजी से आगे उन्होंने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल का भी हवाई सर्वे किया है। हाल ही में लेफ्टिनेंट जनरल नेगी पिथौरागढ़ छावनी क्षेत्र पहुंचे थे।यह भी पढें - उत्तराखंड शहीद: जिसके कपड़ों पर आज भी होती है प्रेस, सेवा में लगे रहते हैं 5 जवान !
इनके बारे में एक बात कही जाती है कि इन्हें चीन से संबंधित तमाम मसलों पर महारथ हासिल है। चीन अब कौन सी चाल चल सकता है, आगे वो क्या क्या कर सकता है, इस बात की जानकारी उन्हें अच्छी तरह से रहती है। लेफ्टिनेंट जनरल नेगी के की एक और खास बात ये है कि उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से चीन की आधुनिकता सबजक्ट पर पीएचडी की थी। इसके अलावा वो देहरादून ते आईएमए में कमांडेंट के पद पर भी तैनात थे। कर्नल आॅफ द आसाम रेजिमेन्ट, जम्मू कश्मीर के जनरल ऑफिसर इन कमांडिंग और14 वीं सैन्य कोर ऊधमपुर के कमांडिग ऑफिसर के पद पर भी वो तैनात रहे हैं। लेफ्टिनेंट जनरल नेगी ने अपनी स्कूलिंग राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज देहरादून से है। इसके बाद उन्होंने नेशनल डिफेंस कॉलेज खड़गवासला को ज्वाइन किया। लेफ्टिनेंट जनरल अब तक ना जाने कितने ऑपरेशनों में अहम भूमिका अदा कर चुके हैं। यह भी पढें - देवभूमि का वीर सपूत...घर में शादी की तैयारियां थीं, वो तिरंगे में लिपटा आया
दुश्मन की ईंट से ईंट बजाना उनका पहला काम है। हर वार का तोड़ वो बखूबी देने में भरोसा रखते हैं। आपरेशन मेघदूत, आपरेशन रक्षक और आपरेशन विजय के बारे में तो आप जानते ही होंगे। इन तमाम ऑपरेशन्स में जनरल नेगी ने एक कुशल सेनानायक की भूमिका निभाई है। उन्हें अतुल्य वीरता के लिए दो बार विशिष्ट सेवा मेडल से भी सम्मानित किया जा चुका है। जिस तरह जनरल बिपिन रावत और एनएसए अजीत डोभाल की अपनी रणनीतियां हैं, उसी तरह का काम जनरल नेगी भी करते हैं। इस उम्र में भी उन्हें पहाड़ों पर बाइक राइडिंग का जबरदस्त शौक है। खास बात ये है कि वो एक कुशल बॉक्सर भी हैं। उत्तराखंड से इन्हें बेहद लगाव है। वो बार बार कहते हैं कि देवभूमि की रक्षा इस वक्त सबसे ज्यादा जरूरी हो गई है क्योंकि यहां लगातार होता पलायन कई सामरिक चुनौतियों को देश के सामने रख रहा है।


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