पहाड़ियों से सीखिए इंसानियत, रोशन रतूड़ी दुबई में बने हजारों हिंदुस्तानियों के संकटमोचक
Nov 27 2017 6:34PM, Writer:अस्मिता
वो लगातार अपना धर्म निभा रहे हैं, वो मानवता के रास्ते पर लगातार आगे बढ़ते जा रहे हैं। पहाड़ियों में ये बात सबसे ज्यादा निराली है। कभी भी किसी की मदद के लिए वो हमेशा तैयार रहते हैं। ऐसे ही एक और पहाड़ी भाई हैं रोशन रतूड़ी। आज के दौर में जब किसी के पास किसी की मदद करने के लिए वक्त नहीं होता। ऐसे में रोशन रतूड़ी लोगों के लिए लगातार देवदूत बनते जा रहे हैं। वो इंसानियत की एक ऐसी मशाल हैं, जिसने अपने साथ ना जाने कितने लोगों को जोड़ दिया है। एक फिर से वो इंसानियत के लिए मिसाल बनकर सामने आए। उ्तर प्रदेश के एक युवा को घर भेजने में मदद की। रोशन रतूड़ी अब तक ऐसे अनगिनत लोगों को भारत भेज चुके हैं, जो रोजगार की तलाश में दुबई गए थे लेकिन वहां बुरी तरह से फंस गए थे। रोशन मूल रूप से टिहरी के हिंडोलाखाल के भटवा गांव के रहने वाले हैं।
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इसके बाद 1980 में उनका परिवार देहरादून आ गया था। उन्होंने भाववाला से अपनी पढ़ाई लिखाई की और इसके बाद रोजगार के लिए खाड़ी देशों में चले गए। वहां भी रोशन ने कामयाबी का झंडा बुलंद किया। आज रोशन रतूड़ी जैसे युवा समाज को भाइचारे और आपसी प्रेम का पाठ पढ़ा रहे हैं। उनका कहना है कि वो किसी को परेशान नहीं देख सकते। जो भी मुश्किल में फंसा रहता है, वो उसकी परेशानी को समझते हैं। विदेश में यानी अरब में हजारों लोग ऐसे हैं, जिन्हें रोशन वापस भारत भेज चुके हैं। हाल ही में उन्होंने आठ और लोगों को वापस भारत भेजा। उन्होंने अने फेसबुक पेज पर बताया है कि ‘’ये आठ ज़िंदगियां, जो विदेश में तकलीफ़ों मैं फंसी हुई थी। ये सभी सकुशल अपने अपने परिवार के पास पहुँच चुके हैं। इसके आगे रोशन ने बहुत कुछ लिखा है।
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उन्होंने लिखा कि ‘’इनमें से बहुत से लोगो के पास खाने के लिए ,रहने तक के लिए भी नही था। कुछ लोग बहुत दिनों तक खुले आसमान के नीचे फुटपाथ पर सोए थे। वो भी अरब खाड़ी देशों की तपती गरमी का मौसम, बहुत पीड़ा पहुंची मन को जब इन सबने अपनी तकलीफ मुझसे शेयर की थी। मैने उसी दिन इन सबसे वादा किया था कि आप सब बहुत जल्दी अपने वतन अपने परिवार के साथ होगें और अब ये सब अपने परिवार के साथ बहुत खुश है। मेरा प्रयास व आप सभी के आशीर्वाद से मैने इन सभी के एक-एक कर सभी ज़रूरी क़ानूनी काग़ज़ पूरे किये थे । जिससे इनको स्वदेश वतन जाने मै कोई परेशानी ना हो। मै बहुत खुश हूँ कि ये सब अपने अपने घर पहुँच चुके है। इंसानियत से बढ़कर कुछ भी नहीं।’’ राज्य समीक्षा की टीम की तरफ से रोशन रतूड़ी को इस शानदार काम के लिए हार्दिक शुभकामनाएं