image: Forest will give employment to 185 village

उत्तराखंड के 185 गांवों को रोजगार, पलायन से लड़ने को तैयार त्रिवेंद्र सरकार

Nov 28 2017 10:03AM, Writer:अमित

उत्तराखंड सरकार का ये फॉर्मूला रंग लाया तो, यकीन मानिए पहाड़ों में ऐसा पहली बार होगा कि एक साथ 185 गांवों को रोजगार से जोड़ा जाएगा। इतना समझ लीजिए कि देवभूमि की वन संपदा अब ग्रामीणों की झो ली भरेगी। खास बात ये है कि जंगलों से बिना छेड़छाड़ किए ही ऐसा संभव हो सकेगा। दरअसल उत्तराखंड इको टूरिज्म विकास निगम अब नई कोशिश में जुटा है। प्रकृति आधारित पर्यन के लिए ईको टूरिज्म द्वारा 5 सर्किट बनाए गए हैं। इन 5 सर्किट में पड़ने वाले 37 स्थलों के आस पास 185 गांव हैं। इस गांवों में इको डेवलपमेंट कमेटियां यानी ईडीसी गठित की जानी है। इन कमेटियों के जरिये ही लोगों को जंगल से जोड़ा जाएगा और रोजगारपरक कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे। इसके अलावा गांव के लोगों की भागीदारी वन और वन्यजीव संरक्षण में सुनिश्चित की जाएगी।

यह भी पढें - उत्तराखंड के युवा खिलाड़ियों के लिए अच्छी खबर, पौड़ी और हल्द्वानी बनेंगे स्पोर्ट्स हब
यह भी पढें - उत्तराखंड सरकार लाई खुशखबरी, अब नर्सरी में खिलेगा ब्रह्मकमल, मिलेगा रोजगार
अब आपको बताते हैं कि कहां कहां ये 5 सर्किट बनाए गए हैं, और इसके आस पास कौन कौन से 37 स्थल हैं। सबसे पहले देहरादून ऋषिकेश की बात करें तो यहां चौरासीकुटी, थानो, रानीचौरी, संजय झील, धनोल्टी और देवलसारी हैं। कोटद्वार में चिडिय़ापुर,रसियाबड़, कण्वाश्रम, लालढांग, सनेह, सेंधीखाल, ताड़केश्वर और कोल्हूचौड़ हैं। रामनगर-नैनीताल में चूनाखान, सीताबनी, किलबरी, पवलगढ़, सौनी,विनायक और कौसानी हैं। यमुना-टौंस वैली में तिमली, झाझरा, चकराता, आसन बैराज, बुधेर, कनासर, जरमोला, सांद्रा और कैंपटी फाल हैं। इसके अलावा नंधौर-चंपावत में बूम, चोरगलिया, धूनाघाट, चंपावत, पहाड़पानी, भिंगराड़ा और महेशखान हैं। ये हर कोई जानता है कि उत्तराखंड प्राकृतिक संपदा से भरपूर है। इस वजह से वन विभाग के अधीन इको टूरिज्म विकास निगम गठित किया गया है।

यह भी पढें - उत्तराखंड में 30 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार, सरकार को निपटाने हैं जरूरी काम
यह भी पढें - त्रिवेंद्र सरकार की सौगात, 1 दिसंबर से छात्रों को निशुल्क कोचिंग, इन जगहों पर खुलेंगे सेंटर
सूत्रों की मानें तो इसके जरिए अब गांवों की अर्थव्यवस्था सुधारने की तैयारी की जा रही है। इस वक्त गांवों से लगातार पलायन हो रहा है। ऐसे में सरकार चाहती है कि इस पलायन पर अंकुश लग सके। इसे ध्यान में रखते हुए पहले चरण में राज्य में 5 इको टूरिज्म सर्किट विकसित करने पर फोकस किया गया है। निगम के मुताबिक इन सभी सर्किट में पड़ने वाले हर मुख्य स्थल से लगे पांच गांवों में इको डेवलपमेंट कमेटियां गठित होंगी। हर ईडीसी के जरिए क्षेत्र के युवाओं को गाइड और कुकिंग की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके साथ ही लोगों को होम स्टे के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे खुद उनके लिए ही रोजगार के दरवाजे खुलेंगे। गांवों में रुकने वाले सैलानियों को लोक विरासत से भी रूबरू कराया जाएगा। देखना है कि आगे क्या होता है।


  • MORE UTTARAKHAND NEWS

View More Latest Uttarakhand News
  • TRENDING IN UTTARAKHAND

View More Trending News
  • More News...

News Home