गांव की बेटी को सलाम, खेतों में पत्थर फेंकते-फेंकते बनी नेशनल प्लेयर
Nov 28 2017 12:52PM, Writer:कोकिला
पहाड़ की बेटियां, इन्हें क्या कहें ? हुनर की खान कहें, या बदलते उत्तराखंड की तकदीर कहें। इन्हें मजबूत हौसले से सुसज्जित बेटियां कहें या कभी ना हार मानने वाली मर्दानी कहें। लगातार आगे बढ़ना, पीछे मुड़कर ना देखना, सुविधाओं के अभाव में भी इतिहास रचना, ऐसी हैं हमारे पहाड़ की बेटियां। शहरों में सुख सुविधाएं हैं, इसके बाद भई वहां खिलाड़ी पनप नहीं रहे, गांवों में सुख तो भरपूर है लेकिन सुविधाओं का अभाव है, इसके बाद भई पहाड़ की बेटियां इतिहास रच रही हैं। क्या आप यकीन कर पाएंगे कि कोई खे्तों में पत्थर फेंकने की प्रैक्टिस से ही नेशनल प्लेयर बन सकता है ? जी हां हमारे पहाड़ों की बेटियों में वो दम खम है और ये बात साबित भी हो रही है। श्रीनगर के जलेथा गांव की वंदना ने हर पहाड़ी की सिर फक्र से ऊंचा किया है।
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वंदना ने खेतों में पत्थर फेंकने की प्रैक्टिस की और आज वो डिस्कस थ्रो यानी चक्का फेंक की नेशनल खिलाड़ी बन गई हैं। वंदना अब नेशनल स्कूल स्पोर्ट्स चैंपियनशिप में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करेंगी। शायद वंदना को भी इस बात का भरोसा नहीं था, लेकिन कहते हैं कि अगर आप पूरे दिल से मेहनत कर रहे हैं तो भगवान भई आपका साथ देता है। इस बच्ची के साथ कुदरत है। खेतों में पड़े पत्थरों को फेंकते-फेंकते वो चक्काफेंक की नेशनल प्लेयर बन गई हैं। आत्मविश्वास से लबरेज हो चुकी है पहाड़ की ये बेटी। वंदना का कहना है कि अगर उसे सभी तकनीकी सुविधाएं मिलें तो वो वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी गोल्ड मेडल ला कर दिखा दे। उसका कहना है कि अगर खेलों को प्रोत्साहन मिले तो वो दुनिया के फलक पर उत्तराखंड का सितारा जगमगा दे।
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इससे पहले वंदना ने जनवरी 2016 में नेशनल स्कूल खेलों की चक्काफेंक प्रतियोगिता में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व किया था। इस साल की बात करें तो अक्टूबर 2017 में देहरादून में प्रदेश स्तरीय स्कूली खेल हुए थे। वहां के लिए वंदना एक बार फइर से चुनी गई। अब वो हरियाणा के पंचकुला में आयोजित होने जा रहे नेशनल स्कूल गेम्स की तैयारी कर रही हैं। उत्तराखंडी के हर शख्स को इस बेटी पर गर्व होना चाहिए, जो गांव से निकलकर उत्तराखंड का नाम रोशन कर रही है। वंदना हमें आप पर गर्व है। आगे बढ़िए, जीत हासिल कीजिए और उत्तराखंड का नाम रोशन कीजिए। जलेथा के पंचायत चौक मेंएक समारोह आयोजित किया गया, जिसमें वंदना को ट्राफी और मेडल दिया गया। इसके साथ ही उज्जवल भविष्य की कामना की गई।