Video: उत्तराखंड की यादों को वापस लाए पांडवाज, पेश किया रिकॉर्डतोड गीत ‘’शकुना दे’’
Dec 23 2017 6:06PM, Writer:मीत
वो लंबा इंतजार अब खत्म हो गया है। इस बार शिकायत को थी कि पांडवाज बड़ी देर करवा रहे हैं। लेकिन वो कहते हैं ना कि ‘’देर आए, दुरुस्त आए’’। मेहनत और इंतजार का फल मीठा होता है। ईशान, कुणाल और सलिल डोभाल की तिकड़ी एक बार फिर से आपके लिए कुछ खास लेकर आई है। सिर्फ उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि देशभर में म्यूजिक वीडियो तैयार करने वालों के लिए शायद ये एक चुनौती भी है। आपकी सोच और उम्मीद से बेहतर लेकर आए हैं उत्तराखंड के पांडवाज। खास बात ये है कि इस बार इस गीत की लॉन्चिंग के लिए एक बड़ा समारोह देहरादून में किया गया। समारोह में उत्तराखंड के लोकप्रिय गायक नरेंद्र सिंह नेगी जी भी शामिल हुए। इसके लिए बायदा फेसबुक लाइव किया गया। हर किसी का बस एक ही सवाल था कि आखिर टाइम मशीन सीरीज का तीसरा पार्ट कब रिलीज होगा ? तो ये लीजिए ये आपके सामने है।
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शुरुआत मंत्रोच्चारण से शुरू होती है। वो मंत्रोच्चारण, जो हमारे पहाड़ में शादियों और हर मंगल कार्य से पहले होता है। फिर आती है एक मीठी सी आवाज ‘जो कह रही है कि पिताजी मुझे उस गांव मत भेजिए, उस गांव में धूप और गर्मी परेशानी करती है।’ शायद इतनी ही पंक्तियां हर किसी की आंखों में आंसू लाने के लिए बहुत हैं। पहली बार कुमाऊंनी भाषा में पांडवाज का ये प्रयोग उम्दा है। ‘’शकुना दे’’ सिर्फ एक गीत नहीं बल्कि एक अहसास है, जिसे हमने जिया तो है, लेकिन देख नहीं पाए थे। ये अहसास अब और भी खूबसूरत हो गया है। बेटी और पिता के बीच का वो मधुर अहसास जब कैमरा और गीतों के जरिए हमारे सामने आया तो रौंगटे खड़े गए। बेहतरीन संगीत, उम्दा कैमरा वर्क और जादुई शब्दों का मायाजाल है ‘’शकुना दे’’। इसे एक बार सुनिए, तो बार बार सुनने का मन करेगा।
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इतना जरूर है कि इस गीत ने पांडवाज को एक नई पहचान देने का काम किया है। इससे पहले घुघुती-बासुती और फुलारी के जरिए पांडवाज ने खुद को साबित कर दिया था। गढ़वाली के बाद पांडवाज ने कुमाऊंनी पर बेहतरीन प्रयोग किया है। उम्मीद है कि आपको ये वीडियो बेहद पसंद आएगा। देखिए ये बेहतरीन वीडियो