image: Harish rawat says that he will not fight election

हरीश रावत चुनाव नहीं लड़ेंगे, खुद किया ऐलान, वजह जानकर हर कोई हैरान !

Dec 26 2017 9:23PM, Writer:मनीष

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार से पूर्व सांसद रह चुके हरीश रावत ने ऐलान किया है कि वो लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। ये जानकर हर कोई हैरान रह गया। हैरानी तो तब और भी ज्यादा हुई, जब उन्होंने इसके पीछे की वजह भी लोगों को बताई। जी हां मंगलवार को हरिद्वार में उत्तराखंड के पूर्व सीएम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने खुद ही ऐलान किया कि अब वो लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि लोक सभा चुनाव लडने का उनका कोई इरादा नहीं है। इसके बाद उन्होंने कहा कि वो कांग्रेस को चुनाव जिताने के लिए जी-तोड मेहनत करेंगे। हरीश रावत से जब पूछा गया कि आखिर वो क्यों चुनाव नहीं लडना चाहते हैं। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वो चुनाव लडें। इशारों इशारों में उन्होंने बताया कि अब उनकी स्थिति बदल चुकी है।

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इसके साथ ही हरीश रावत ने बताया कि ‘‘मेरे बच्चे मेरे उत्तराधिकारी नहीं है। जिसे भी राजनीति में आना है वो अपने प्रयास से आएगा।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘अपनी क्षमताओं के आधार पर राजनीति में सभी को अपनी पहचान बनानी होगी।’’ इसके बाद उन्होंने कहाकि ‘‘ना तो मैं चुनाव लडने जा रहा हूं और ना हीं किसी उत्तराधिकारी की घोषणा करूंगा। ये सब पार्टी तय करेगी।’’हरीश रावत पहली बार 1980 में केंद्र की राजनीति में शामिल हुए, जब वे लेबर एंड इम्प्‍लॉयमेंट के कैबिनेट राज्‍यमंत्री बने। उन्होंने 7वें लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर उत्‍तराखंड की हरिद्वार लोकसभा सीट से जीत हासिल की जिसके बाद से वे लगातार उस सीट से जीतते चले आ रहे हैं। 1990 में वे संचार मंत्री बने और मार्च 1990 में राजभाषा कमेटी के सदस्‍य बने। 1999 में हरीश रावत हाउस कमेटी के सदस्‍य बने।

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2001 में उन्‍हें उत्‍तराखंड प्रदेश कांग्रेस का अध्‍यक्ष बनाया गया। 2002 में वे राज्‍यसभा के लिए चुन लिए गए, 2009 में वे एक बार फिर लेबर एंड इम्प्‍लॉयमेंट के राज्‍यमंत्री बने। साल 2011 में उन्‍हें राज्‍यमंत्री, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण इंडस्ट्री के साथ संसदीय कार्यमंत्री का कार्यभार सौंपा गया। 1992 में उन्होंने अखिल भारतीय कांग्रेस सेवा दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का महत्वपूर्ण पद संभाला, जिसकी जिम्मेदारी वे 1997 तक संभालते रहे। 1980 में वे पहली बार अल्मोड़ा पिथौरागढ़ लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुने गए।उसके बाद 1984 व 1989 में भी उन्होंने संसद में इसी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। खैर अब हरीश रावत ने ऐलान कर दिया है कि वो लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। देखना है कि आगे कांग्रेस आलाकमान अब क्या रणनीति अख्तियार करता है।


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