देवभूमि के सपूत कर्नल कोठियाल को सलाम, दो साल के मासूम को बचा लिया, मिली दुआएं
Jan 9 2018 9:35PM, Writer:कपिल
देवभूमि के इस सपूत की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है। कभी देश की रक्षा के लिए कर्नल कोठियाल ने सीने पर गोलियां खाई थी। आज ये शेरदिल जांबाज पहाड़ में कई परिवारों के चिरागों को नई जिंदगी दे चुके हैं। हाल ही में कर्नल अजय कोठियाल ने दिल की बीमारी से जूझ रहे एक मासूम की जान बचा ली। कर्नल कोठियाल के यूथ फाउंडेशन की पहल पर मासूम को नया जीवन मिल गया। ऊखीमठ तहसील के जग्गी-बगवान गांव के रहने वाले मासूम के पिता और माता का रो-रोकर बुरा हाल था। उनका दो साल का नन्हा सा बेटा पल पल जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहा था। आदर्श राणा के दिल में छेद था। डॉक्टर्स ने जब आदर्श के परिवार को इलाज का खर्चा बताया तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई थी। घर में दो जून की रोटी का बमुश्किल बंदोबस्त करने वाले परिवार के लिए ये रकम बहुत ज्यादा थी।
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इस बीच कर्नल कोठियाल के यूथ फाउंडेशन को इस बच्चे की जानकारी मिली। बिना देर किए हुए यूथ फाउंडेशन की टीम उस गांव में पहुंच गई। मासूम से आदर्श को इलाज के लिए दिल्ली के एम्स अस्पताल ले जाया गया। बताया जा रहा है कि आदर्श की हालत बेहद खराब थी और डॉक्टर्स ने उसके बचने की कोई गारंटी नहीं दी। लेकिन कहते हैं कि अगर किसी के लिए आप दिल से मदद करना चाहते हैं तो भगवान भी आपके साथ रहते हैं। उस बच्चे के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। कर्नल कोठियाल और यूथ फाउंडेशन की कोशिशें रंग लाई और डॉक्टर ऑपरेशन के लिए तैयार हुए। एम्स के डॉ. पी. राजशेखर ने आदर्श राणा के दिल का सफल ऑपरेशन किया गया। बीते डेढ़ महीने से बच्चे का इलाज चल रहा था। आखिरकार ये इलाज सफल हुआ। अलग-अलग जांच के बाद बच्चे का ऑपरेशन करवाया गया।
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अब बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है। आदर्श के पिता को एक बेटा वापस मिल गया, मां की आंखों का तारा एक बार फिर से घर और आंगन में किलकारियां भर रहा है। एक मां और पिता से ही जाकर पूछिए कि उनके लिए उनका बेटा कितना प्यारा होता है। माता-पिता आज भी डबडबाई आंखों से कहते हैं कि कर्नल अजय कोठियाल ने उनके बेटे को नई जिंदगी दी है और इसके लिए वो उनके आभारी रहेंगे।