image: Digrido shines mukesh dhiman of uttarakhand

उत्तराखंड का सीक्रेट सुपरस्टार, जिसे उत्तराखंडी कम जानते हैं लेकिन विदेशी उसे पूजते हैं !

Jan 30 2018 2:46PM, Writer:आदिशा

भारत ने संगीत की दुनिया में कई ऐसे आविष्कार किए हैं, जो किसी चमत्कार से कम नहीं है। वीणा, सितार, तबला, संतूर और ना जाने क्या क्या संगीत साधन इस धरती से दुनिया को मिले हैं। इससे पता चलता है कि भारतीयों में संगीत को लेकर पहले से ही कैसा रुझान रहा है। इस बीच और और कमाल का प्रयोग है। बेजान लकड़़ियों को जीवन देकर उत्तराखंड के मुकेश धीमान मे कमाल कर दिया है। मुकेश धीमान के बारे में भारतीय लोग बेहद कम जानते हैं, लेकिन यकीन मानिए कि उन्हें विदेशों में ज्यादा पहचान मिली है। इसकी एक खास वजह रही है। मुकेश धीमान ऋषिकेश के रहने वाले हैं। शीशमबाड़ा में उनकी एक छोटी सी कार्यशाला है। इस कार्यशाला का नाम है ‘जंगल वाइब्स’। ये कार्यशाला विदेशियों के लिए किसी दार्शनिक स्थल से कम नहीं है। मुकेश का ने एक खास वाह्य यंत्र 'डिजरी डू' को ईजाद किया था।

यह भी पढें - Video: बॉलीवुड छोड़िए, उत्तराखंड के युवाओं का ये गीत देखिए...जबरदस्त है
आज ये वाह्य यंत्र दुनिया के कई मुल्कों में गूंज रहा है। मुकेश एक गरीब परिवार से ताल्लुकरखते हैं। बचपन में ही उन्होंने हाथ में छैनी और हथोड़ा थाम लिया था। चार साल की उम्र से ही वो लकड़ियों को तराशने का काम कर रहे हैं। इसके बाद मुकेश की जिंदगी में एक मोड़ आया। उस दौरान लकड़ियों का काम विदेशियों को काफी पसंद था, इस दौर में मुकेश ने भी एक वुड हट तैयार की।गंगा नदी के तट पर मुकेश की वुड हट शानदार है। इस बीच उनके काम से ऑस्ट्रेलिया के रहने वाले ऑलिस्टर बुलट काफी प्रभावित हुए थे। उन्होंने मुकेश को बांस से डिजरी डू बनाने की बात कही। इसके बाद मुकेश ने उस बांस में ऐसी जान फूंकी कि ऑलिस्टर बुलट डिजरी डू को अपने साथ ले गए। इसके बाद धीरे धीरे मुकेश को भी डिजरी डू बनाने में मजा आने लगा। उन्होंने खुद के लिए बांस से डिजरी डू बनाया और उसे खाली वक्त में बजाने लगे थे।

यह भी पढें - Video: देवभूमि की मां नंदा को सोनू निगम का प्रणाम, दिल को छू लेने वाला गीत गाया
धीरे-धीरे इसे सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग वहां आने लगे। विदेशियों का भारतीय संगीत से गहरा लगाव है, तो विदेशी भी मुकेश के पास आने लगे। कुछ ही साल में डिजरी डू की डिमांड बढ़ गई। मुकेश को डिमांड अब पूरी दुनिया में बढ़ने लगी थी। इसके बाद मुकेश ने वहीं अपना काम जमाया और अपनी हट को नाम दिया जंगल वाइब्स। मुकेश का ये छोटा सा आशियाना ही देश-दुनिया में डिजरी डू का अकेला कुटीर उद्योग है। जापान, स्पेन, ऑस्ट्रिया, जर्मनी, पुर्तगाल, इजरायल, चीन और साउथ अफ्रीका जैसे दो दर्जन से ज्यादा मुल्कों में डिजरी डू पहुंच चुका है। मुकेश ने कभी अपने हुनर को लेकर अपना प्रमोशन नहीं किया। उन्हें खोजते खोजते विदेशी पर्यटक खुद वहां आने लगे। मुकेश ने डिजरी डू के साथ अफ्रीकन ड्रम बनाना भी शुरू कर दिया है। अब मुकेश के बेटे शुभम और सौरभ भी इस काम में पिता का हाथ बंटा रहे हैं।

यह भी पढें - Video: उत्तराखंड के पूर्व सीएम की बेटी, दुबई में मिला सबसे प्रतिष्ठित सम्मान
अब मुकेश जल्द ही अपना स्टूडियो तैयार करने जा रहे हैं। इसकी खास बातें भी जानिए। उन्होंने नीर गांव के पास ही कटली में जगह ली है। आजकल वहां स्टूडियो तैयार किया जा रहा है। इस काम में विदेशियों ने खुद उनकी मदद की और 5 लाख रुपये तक की राशि जमा करवाई। मुकेश के इस हुनर पर इजरायल की एक संस्था डॉक्यूमेंट्री तैयार कर चुकी है। स्पेन में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी में भी मुकेश के इस आविष्कार की तारीफ की गई। देखिए ये वीडियो


  • MORE UTTARAKHAND NEWS

View More Latest Uttarakhand News
  • TRENDING IN UTTARAKHAND

View More Trending News
  • More News...

News Home