उत्तराखंड में कल है महाशिवरात्रि, बाबा केदारनाथ ने खुद दिए इस बात के संकेत...जानिए
Feb 13 2018 10:58AM, Writer:आदिशा
देशभर में इस बात को लेकर चर्चाएं हैं कि आखिर महाशिवरात्रि आज है या कल ? कई जगह आज ही शिवरात्रि मनाई जा रही है। लेकिन कुछ जगहें ऐसी हैं जहां कल यानी 14 फरवरी को ही महाशिवरात्रि मनाई जाएगी। तमाम ज्योतिषि बताते हैं कि उत्तराखंड में भी शिवरात्रि का पर्व कल होगा। ऐसा क्यों ? इस बारे में भी आपका जानना बेहद जरूरी है। उत्तराखंड के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्यों में से एक आचार्य कृष्णा नंद नौटियाल, सती अनुसूया माई मंदिर के आचार्य प्रदीप सेमवाल और केदारघाटी के समस्त वेदपाठियों और आचार्यों से राज्य समीक्षा ने बातचीत की। सभी का कहना है कि केदारनाथ पूरे क्षेत्र के मालिक हैं। खास बात ये है कि शिवरात्रि का पर्व उन्हीं के लिए समर्पित होता है। अब जानिए कि उत्तराखंड के बड़े ज्योतिषियों ने इस बारे में क्या तर्क दिया है।
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जिस दिन केदारनाथ केदारनाथ के पट खुलने की तिथि तय की जाती है, उसी दिन केदारघाटी समेत पूरे उत्तराखंड में शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। ऐसे में समस्त ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि बाबा केदारनाथ के पट खुलने की तिथि जिस दिन तय होती हैं, उसी दिन महाशिवरात्रि का पर्व होता है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक त्रयोदशी 12 फरवरी को रात के 8 बजकर 10 मिनट से शुरू हो गई है। 13 फरवरी को रात के 10 बजकर 37 मिनट तक त्रयोदशी ही रहेगी। ऐसी स्थिति में अगर कोई भी व्यक्ति 13 फरवरी को व्रत लेता है तो वो त्रयोदशी में ही व्रत धारण करेगा। ये व्रत ज्यादा से ज्यादा 13 फरवरी के रात 9 बजे तक ही रह सकेगा। इसके ठीक उल्टे चतुर्दशी 13 तारीख को रात 10 बजकर 38 मिनट से प्रारंभ होकर 14 तारीख को रात के 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगी।
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इसलिए इस काल में ही भगवान केदारनाथ को साक्षी मानकर व्रत रखना उचित माना गया है। ज्योतिषियों के मुताबिक समस्त शास्त्र भगवान भगवान महाकाल के ही अधीन हैं। महाकाल का स्वरूप होने की वजह से भगवान केदारनाथ द्वारा मान्य तिथि शिवरात्रि के रूप में स्वीकार्य की गई है। ये पक्की खबर है कि 14 फरवरी को ही केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि तय की जाएगी। केदारनाथ के रावल श्री भीमाशंकर लिंग जी की उपस्थिति में क्षेत्र के तमाम ज्योतिषाचार्यों, आचार्यों, वेदपाठियों के द्वारा पंचकेदार गद्दी स्थल ऊखीमठ में केदार बाबा के पट खुलने का दिन निश्चित किया जाएगा। इसके साथ ही उत्तराखंड की चार धाम यात्रा का भी आगाज़ हो जाएगा। हमने आपको ये जानकारी तमाम ज्योतिषियों के तर्कों के साथ दी है। आप पर निर्भर करता है कि आप इसे स्वीकार करें या नहीं।