बागेश्वर का नेवी कमांडो, कभी आतंकियों का काल बना, अब पहाड़ में किया ऐतिहासिक काम
Feb 16 2018 4:11PM, Writer:कपिल
किसी भी काम को करने के लिए सबसे पहले हौसला जरूरी होता है। पहाड़ के सपूतों में हौसला और जज्बा कूट-कूटकर तो भरा ही है, साथ ही देश सेवा के लिए अपने प्राणों को कुर्बान करने से भी ये सपूत नहीं हिचकिचाते। आज भी आप देख लीजिए, उत्तराखंड के घर घर में आपको सेना से जुड़ा कोई ना कोई व्यक्ति जरूर मिलेगा। आज हम आपको जिस शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, वो अपनी वीरता के लिए भारतीय नौसेना से सम्मान प्राप्त कर चुका है। वो वीर कई बार आतंकियों के लिए काल बना। भारतीय नौसेना में वो 15 साल तक मरीन कमांडो रहा। उस वीर सपूत का नामं है रमेश चंद्र भट्ट। रमेश चंद्र भट्ट 15 साल तक देश की नौसेना में मरीन कमांडो के पद पर रह चुके हैं। इनकी बहादुरी के किस्से सुनेंगे तो रौंगटे खड़े हो जाएंगे। मूलरूप से बागेश्वर ग्राम बिलौना के 6रहने वाले हैं रमेश चंद्र भट्ट।
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2009 में वो मरीन कमांडो के पद से सेवानिवृत हुए और अब ओखलकांडा ब्लॉक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय टांडा में सहायक शिक्षक हैं। मरीन कमांडो रहते हुए उन्होंने देश के अलग अलग सैन्य ऑपरेशन में भाग लिया। साल 2003 में उन्हें अदम्य साहस और बहादुरी के लिए नौसेना मेडल मिला था। वो पूर्व राष्ट्रपति एपीजे कलाम की सुरक्षा में भी कमांडो रह चुके हैं। इसके अलावा रमेश चंद्र भट्ट मुंबई ताज होटल में विशेष सुरक्षा अधिकारी भी रहे। उनका कहना है कि पहाड़ के कई युवा नशे की लत के शिकार हो चुके हैं और इससे सबसे पहले छुटकारा दिलाना है। अभी उन्होंने युवाओं को ट्रेनिंग देने में सिर्फ एक साल बिताया है और इसके रिजल्ट सामने आने लगे हैं। मरीन कमांडो को छोटा मोटा मत समझिए। अमेरिका की सबसे ताकतवर कही जाने वाली यूएस नेवी सील कमांडों की टक्कर के होते हैं भारतीय नौसेना के मरीन कमांडो।
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रमेश चंद्र भट्ट अब ओखलकांडा ब्लॉक के युवाओं को सैन्य प्रशिक्षण दे रहे हैं। वो देश की सेना के लिए कमांडो तैयार कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर पलायन सच में रोकना है तो, जमीन पर रहकर काम करना होगा। जाहिर है कि अगर हर कोई अपनी अपनी तरफ से ऐसी कोशिशें करने लगेगा, तो पहाड़ में पलायन रुक सकेगा। पहाड़ का पानी और जवानी दोनों ही पहाड़ के काम आ सकेगी। जाहिर सी बात है कि रमेश चंद्र भट्ट पहाड़ के युवाओं को सही रास्ते पर लाने का काम कर रहे हैं। इसके साथ ही खास बात ये है कि वो बेरोजगार युवाओं के लिए आदर्श बन रहे हैं। उनका मानना है कि युवाओं को सही रास्ते पर लाने और बेरोजगारी के खिलाफ जंग छेड़ने के लिए वो हर संभव कोशिश कर रहे हैं और इसमें सफलता भी मिल रही है। राज्य समीक्षा की टीम का ऐसे प्रतिभाशाली लोगों को सलाम।