image: Officers from uttarakhand in top position

उत्तराखंड के पांच सपूतों पर हर भारतीय को गर्व है, क्योंकि ये हैं देश के असली रक्षक!

Apr 12 2018 5:22PM, Writer:रुचि रावत

उत्तराखंड के शेरदिल ऑफिसर्स आए दिन देशवासियों को गौरवशाली पल दे रहे हैं। यूं तो उत्तराखँडी आज देश में कई महत्वपूर्ण पदों पर तैनात हैं, लेकिन आज हम आपको उन 5 सपूतों के बारे में बता रहे हैं, जो देश की सुरक्षा की अहम धुरी हैं। चाहे थल सेना हो, नेवी हो, RAW हो या फिर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का पद हो, हर जगह उत्तराखंड के सपूतों ने शिखर पर पहुंचकर मातृभूमि का मान बढ़ाया है। आइए एक एक एक आपको इन शेरदिल अफसरों के बारे में बताते हैं। सबसे पहले बात नेवी के जांबाज ऑफिसर और अपर महानिदेशक के पद पर प्रमोट होने वाले कृपा नौटियाल की करते हैं। अपर महानिदेशक कृपा नौटियाल जौनसार के निवासी हैं। उन्हें देश के पूर्वी समुद्र तट की सुरक्षा का जिम्मा अब महानिदेशक कृपा नौटियाल के हाथ में होगा।

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अब बात करते हैं उत्तराखंड के पौड़ी जिले के सपूत आर्मी चीफ बिपिन रावत की। बिपिन रावत की देश की थल सेना का जबसे जिम्मा सौंपा गया है, तबसे सेना ने कई महत्वपूर्ण ऑपरेशन को अंजाम देकर दिखाया है। जनरल बिपिन रावत के पिता लक्ष्मण सिंह रावत भी ले. जनरल रहे हैं। ऊंचाई वाले इलाकों में किस तरह से दुश्मन को मात दी जाती है, ये अनुभव बिपिन रावत के पास है। पौड़ी के ही सपूत अजीत डोभाल भी हैं। आज के दौर में अगर किसी को पीएम मोदी का राइट हैंड माना जाता है, तो वो डोभाल ही हैं। 30 मई 2014 को अजीत डोभाल भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बने। उनके नेतृत्व में ही पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की गई। म्यांमार के खिलाफ सीमा पार जाकर जवाबी हमला भी डोभाल के नेतृत्व में किय़ा गया था। अपनी तेज-तर्रार रणनीतियों की वजह से डोभाल पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी आफत बने हुए हैं।

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अब बात करते हैं रॉ चीफ अनिल धस्माना की। अनिल धस्माना जयहरीखाल ब्लॉक के तोली गांव के निवासी हैं। अनिल धस्माना की शुरुआती पढ़ाई तोली गांव में हुई थी। इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वो दिल्ली चले आए थे। अनिल धस्माना 1981 बैच के मध्य प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्हें इंदौर के ऑपरेशन बांबे बाजार के बाद एक दबंग ऑफिसर के तौर पर पहचान मिली। अब बात करते हैं लेफ्टिनेंट जनरल एके भट्ट की, जिन्हें हाल ही में डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस बनाया गया है। टिहरी गढ़वाल के कीर्तिनगर के खतवाड़ गांव के निवासी एके भट्ट ने लंबे वक्त तक भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दी हैं। उनका परिवार बीते पांच दशक से मसूरी में निवास करता है। एके भट्ट मसूरी में क्रिकेट खिलाड़ी के रूप में भी प्रसिद्ध हैं।


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