image: Anil baluni denied y category security

अनिल बलूनी ने पेश की मिसाल, उत्तराखंड के VIP लोग इनसे कुछ सीखिए

Apr 19 2018 9:05AM, Writer:कपिल

VIP कल्चर, जिसमें आप उतने सुरक्षा गार्ड्स से घिरे रहते हैं, जिनकी जरूरत वास्तव में होती नहीं है। इसके बाद भी कुछ लोग शान से, कुछ लोग डर से अलग अलग श्रेणियों में सुरक्षा की मांग करते हैं। हाल ही में राज्य के कुछ लोगों को एक्स और वाई कैटेगिरी की सुरक्षा के संबंध में समीक्षा की गई है। समीक्षा के बाद शासन ने आदेश भी जारी कर दिए हैं। इस लिस्ट में राज्यसभा सांलद अनिल बलूनी का नाम भी शामिल था। अनिल बलूनी ने सरकार से मिली Y कैटेगरी की सुरक्षा वापस लेने का अनुरोध किया है। जाहिर है कि ये फालतू खर्चा और बेफजूली की सुरक्षा ना लेने को लेकर एक मिसाल है। हाल ही में राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने सरकार को एक पत्र लिखा। इस पत्र में उन्होंने लिखा कि सरकार द्वारा उन्हें वाई कैटेगरी की सुरक्षा प्रदान की गई है। इसके साथ उन्हें एस्कार्ट की सुविधा प्रदान की है।

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अनिल बलूनी ने कहा कि उत्तराखंड भ्रमण के दौरान उन्हें इस तरह की सुरक्षा की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने लिखा कि इस विशेष सुविधा और सुरक्षा के आदेश को निरस्त कर दिया जाए। देखा जाए तो अनिल बलूनी की तरफ से वीआईपी कल्चर खत्म करने को लेकर एक अच्छी शुरुआत है। इस कल्चर को खत्म करने के लिए अनिल बलूनी ने बाकी नेताओं के दिलों में भई एक छाप छोड़ी होगी। हाल ही में एक खबर आई थी कि प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष अजय भट्ट और हंस फाउंडेशन के संस्थापक भोले जी महाराज के साथ-साथ मंगला माता को जान का खतरा है। इस वजह से उन्हें वाई कैटेगरी की सुरक्षा प्रदान की गई है। इसके अलावा शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती, शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम, धर्मगुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद और रामानंद हंस देवाचार्य को ये सुरक्षा दी गई है।

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उन लोगों को भी VIP लिस्ट में डाला गया है, जो विवादित रहे हैं। इनमें गुप्ता बंधुओं के साथ-साथ कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन जैसे लोग भी शामिल हैं। इसी लिस्ट में राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी को भी शामिल किया गया था। आखिरकार अनिल बलूनी ने सरकार को पत्र लिखा और सरकार से ये सुरक्षा वापस लेने की मांग की है। देशभर के सांसदों को भी इनसे कुछ सीखना चाहिए। वीआईपी कल्चर को खत्म करने को लेकर काफी वक्त से मांग उठती रही है। सभी को समान रुप से देखने के लिए भी ये एक अच्छा कदम है। अब सवाल ये है कि क्या राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी से कोई सीख लेगा ? क्या वीआईपी कल्चर खत्म करने को लेकर अनिल बलूनी की ये पहल कामयाब साबित हो सकेगी ? वक्त आने पर ही इस बात का पता चल सकेगा।


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