image: Self employment makes new record in kedarnath

केदारनाथ में सुपरहिट हुआ स्वरोजगार का फार्मूला, सिर्फ चार दिन में बना बड़ा रिकॉर्ड

May 4 2018 7:34PM, Writer:कपिल

एक तो बाबा केदार का प्रसाद, उसपर पहाड़ी स्वाद ! केदार धाम की यात्रा कर रहे श्रधालुओं को पहाड़ी स्वाद में बाबा बर्फानी का यह प्रसाद कुछ ऐसे भाया कि महज चार दिनों में ही दस लाख रुपयों से अधिक का स्थानीय प्रसाद बिक चुका है। एक प्रयोग के तौर पर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल द्वारा शुरू की गयी इस पहल को यात्रियों ने हाथों-हाथ लिया है। डीएम मंगेश की चौलाई से बने उत्पादों को रिंगाल की टोकरी में बाबा केदार की भभूत (हवन कुंड की राख) के साथ प्रसाद के रूप में श्रधालुओं को देने की पहल कामयाब होती दिख रही है। केदारनाथ में स्थानीय उत्पादों से बना करीब दस लाख से अधिक का प्रसाद पिछले चार दिनों में बिक चुका है। मांग को देखते हुए एक लाख और पैकेट तैयार किये जा चुके हैं। जाहिर सी बात है इससे स्थानीय लोगों को कारोबार मिला है और प्रसाद बनाने वाले स्वयं सहायता समूहों के साथ ही प्रशासन भी उत्साहित है।

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आपको बता दें, पहले भगवान् केदारनाथ को इलायची का प्रसाद चढ़ाया जाता था, लेकिन इस वर्ष से स्थानीय उत्पाद से निर्मित लड्डू ही प्रसाद के रूप में चढ़ाए जा रहे हैं। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल के प्रयासों से इस बार जिले के विभिन्न स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं स्थानीय उत्पादों से केदारनाथ का प्रसाद तैयार कर रही हैं। इससे जो भी लाभ अर्जित होगा, उसका लाभांश इस कार्य से जुड़े हुए प्रत्येक कार्यकर्ता में बांटा जाएगा। यहाँ अच्छी बात ये है कि प्रसाद को यात्री काफी पसंद कर रहे हैं। इसलिए केदारनाथ के साथ ही सोनप्रयाग में भी प्रसाद के लिए स्टोर खोल दिया गया है, जहां से उसे केदारनाथ पहुंचाया जा रहा है। प्रसाद के लड्डू की गुणवत्ता बनी रहे, इसलिए संस्थाओं को एफ.एस.एस.ए.आइ. (फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया) से लाइसेंस लेना अनिवार्य किया गया है।

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जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की स्थानीय स्तर पर रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध कराने की मंशा फलीभूत होती दिख रही है और इसके सकारात्मक परिणाम भी मिलने लगे हैं। इसलिए स्वयं सहायता समूहों से अधिक से अधिक महिलाओं को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। प्रसाद में चौलाई के लड्डू, चौलाई का चूरमा, स्थानीय धूप बत्ती, स्थानीय शहद, मंदाकिनी व सरस्वती नदी का जल, बदरी-केदार की फोटो और बाबा केदार की भभूत (हवन कुंड की राख) दिया जाता है। साथ ही यात्रियों को बाबा भोले नाथ का प्रसाद रिंगाल की टोकरी, जूट-कपड़े के बैग और कागज के पैकेट में उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रसाद का मूल्य कागज के पैकेट में 30 रुपये, जूट व कपड़े के बैग में 65 रुपये और रिंगाल की टोकरी में 100 रुपये निर्धारित किया गया है।


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