image: New chatra in badrinath temple

बदरीनाथ में 600 साल बाद बदला गया छत्र, तैयार करने में लगा 4 किलो सोना और हीरा

May 10 2018 3:10PM, Writer:आदिशा

जैसा कि हमने आपको काफी वक्त पहले ही बता दिया था कि बदरीनाथ धाम में छत्र बदला जाना है। छत्र बदलने की ये परंपरा सदियों पुरानी है। अब तक बदरीनाथ के गर्भगृह में जो वर्षों पुराना सोने का छत्र मौजूद था वो करीब दो किलोग्राम का था। महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने वो छत्र चढ़ाया था। इस बार नए छत्र में 4 किलो सोना लगा है। अब करीब 600 साल के बाद ये छत्र बदला गया है। अब ये भी जान लीजिए कि आखिर किस परिवार ने ये छत्र बनवाया है। लुधियाना के मुक्त परिवार को ये छत्र तैयार करने का मौका मिला है। बीते साल अक्तूबर में लुधियाना के व्यवसायी ज्ञानसेन सूद ने बदरीनाथ धाम में सोने का छत्र चढ़ाने की इच्छा जताई थी। बीते साल ही उन्हें छत्र चढ़ाने की अनुमति दी गई थी। इस बार नए छत्र को 300 श्रद्धालुओं के जत्थे के साथ लुधियाना से बदरीनाथ धाम लाया गया।

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नया छत्र 4 किलो सोने का बना है। इसके साथ ही ये छत्र हीरे और रत्नों से जड़ा हुआ है। इसका डिजायन खुद उन्होंने ही तैयार किया है। भगवान बदरीनाथ के श्री विग्रह के ऊपर अब नया हीरा जड़ित स्वर्ण छत्र होगा। इस छत्र की पूजा के मौके पर सूद परिवार के तीन सौ से ज्यादा लोग मौजूद थे। सूद परिवार की भगवान बदरीविशाल पर गहरी आस्था है। उन्होंने ही ये हीरा जड़ित स्वर्ण छत्र चढ़ाने का संकल्प किया था। पहले ये स्वर्ण छत्र बुद्धवार सुबह 6 बजे चढ़ाया जाना था, लेकिन बारिश की वजह से शाम पांच बजे स्वर्ण छत्र को समर्पित किया गया। मंत्रों और वेद ध्वनियों के साथ माहौल भक्तिमय हो गया। धर्माधिकारी और अपर धर्माधिकारियों ने स्वस्तिवाचन और वेदमंत्र पढ़े। ये छत्र मंगलवार को ही हेलीकाप्टर से बदरीनाथ पहुंचा था। बदरीनाथ सिंह द्वार के आगे इस छत्र को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। आपको बता दें कि बदरीनाथ के गर्भगृह में सिर्फ रावल और बडवा महाराज ही जा सकते हैं।


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