उत्तराखंड पंहुचे अजीत डोभाल, पहाड़ी अंदाज में युवाओं से कहा ‘देश के लिए तैयार रहिए’
May 18 2018 11:53PM, Writer:आदिशा
अजीत डोभाल या यूं कहें कि भारत के जेम्स बॉन्ड, जिसने पाकिस्तान और बलूचिस्तान में अपनी तेज-तर्रार रणनीति की बदौलत आतंकियों का खात्मा कर दिया था। वो अजीत डोभाल जिनकी कूटनीति की बदौलत भारत ने डोकलाम में चीन जैसे मुल्क पर कूटनीतिक जीत हासिल की। वो अजीत डोभाल जब उत्तराखंड पहुंचे तो एकदम साम्न्य पहाड़ी के रूप में नज़र आए। आते ही उन्होंने दिल को छू लेने वाली बात कही। अजीत डोभाल ने कहा कि ‘उत्तराखंड वो जगह है, जहां मेरा जन्म हुआ है। इस धरती से मेरा भावनात्मक रिश्ता जुड़ा’। उन्होंने युवाओं को संदेश दिया कि दुनिया को अंधेरे से निकलने के लिए खुद दीपक बनना पड़ेगा। दरअसल अजीत डोभाल नैनीताल पहुंचे थे। वहां कुमाऊं विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में उन्हें डीलिट की मानद उपाधि दी गई।
यह भी पढें - देहरादून में पढ़ेगी महेंद्र सिंह धोनी की बेटी जीवा ! इसलिए उत्तराखंड में घर ढूंढ रहे हैं माही
अपने संबोधन के दौरान अजीत डोभाल ने युवाओं से एक खास बात कही। उन्होंने कहा कि 50 साल आगे के भारत के लिए युवाओं को तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि अगर आप बदलते जमाने के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं, तो सफलता का परचम लहराएंगे। शुक्रवार को कुमाऊं विश्वविद्यालय का 14वां दीक्षांत समारोह था। इसमें डोभाल को मानद उपाधि दी गई। इसके बाद डोभाल ने युवाओं को मोहम्मद गौरी और पृथ्वीराज चौहान का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि इस दौर में तकनीकि रूप से मजबूत होना काफी जरूरी है और इसके लिए युवाओं को खुद आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह से गंगा गंगोत्री से खुद रास्ता बनाकर गंगासागर के लिए चल पड़ी थीं, उसी तरह से युवाओं को अपना अच्छा और बुरा रास्ता तय करना है।
यह भी पढें - देहरादून में महेंद्र सिंह धोनी का नया आशियाना, इस गांव में बनेगा शानदार फॉर्म हाउस !
अजीत डोभाल का जन्म 1945 में उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा अजमेर के आर्मी स्कूल से पूरी की थी। इसके बाद वो आईपीएस की तैयारी में लग गए। अपनी कड़ी मेहनत के दम पर वो 1968 में आईपीएस के लिए चुन लिए गए थे। आगर आप देखेंगे तो अजीत डोभाल की स्पीच ऊर्जावान होती हैं। आप भी उनका ये पुराना वीडियो देख लीजिए।