उत्तराखंड के इस स्कूल की फीस 40 लाख रुपये, छात्राओं के साथ यौन शोषण के आरोप !
May 20 2018 11:09AM, Writer:कपिल
गजब हाल है। शिक्षा बिकाऊ हो गई है, छात्राओं का पढ़ना दूभर हो गया है और स्कूल प्रशासन मुंह में ताला बंद किए बैठा है। 40 लाख रुपये की फीस और बेटियों की सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं ? देश के सबसे मंहगे स्कूलों में शुमार मसूरी गर्ल्स इंटरनेशनल स्कूल में जो हुआ है, उसे सुनकर आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। इस स्कूल की ही छात्राओं के अभिभावकों ने कुछ ऐसे खुलासे किए हैं। सबसे पहला आरोप ये है कि इस स्कूल की सीनियर छात्राएं, जूनियर छात्राओं का यौन शोषण करती हैं। अभिभावकों का आरोप है कि मसूरी गर्ल्स इंटरनेशनल स्कूल में रैगिंग होना तो आम बात है। दैनिक जागरण द्वारा प्रकाशित की गई रिपोर्ट में ऐसी ऐसी बातों का खुलासा हुआ है, कि आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। आपको यकीन ही नहीं होगा कि ऐसा भी हो सकता है।
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रिपोर्ट के मुताबिक मसूरी गर्ल्स इंटरनेशनल स्कूल की छात्राओं के अभिभावकों ने ये बड़े खुलासे किए हैं। उन्होंने कई चौंकाने वाले आरोप लगाए हैं। आरोप है कि रैगिंग के साथ साथ स्कूल में सीनियर छात्राओं के द्वारा जूनियर छात्राओं का यौन शोषण होता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा इस मामले की जांच शिक्षा महानिदेशक को सौंप दी गई है। दो हफ्ते पहले ही इस स्कूल से 4 छात्राएं भाग गई थीं। अभिभावकों द्वारा स्कूल में रैगिंग के अलावा बाथरूम में गेट ना होने समेत 11 बड़े आरोप लगाए हैं। अभिभावकों का कहना है कि स्कूल प्रबंधन को सारी जानकारी होने के बाद भी एक्शन नहीं लिया जाता। अभिभावकों का कहना है कि इस बारे में उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग में शिकायत की गई।
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अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल में सीनियर छात्राएं जूनियर छात्राओं की रैगिंग लेती हैं। बाथरूम में गेट नहीं लगाए गए हैं। बाथरूम को पर्दे के सहारे ढका गया है। गीजर में एक दिन में सिर्फ दो घंटे ही पानी आता है। शिकायत में अभिभावकों ने किसी सुसाइड नोट का भी जिक्र किया है। इस शिकायत में कहा गया है कि एक छात्रा के पास से सुसाइड नोट भी मिला है। स्कूल से व्यवस्थाओं से तंग आकर एक छात्रा ने ये सुसाइड नोट लिखा है। हालांकि छात्रा कोई गलत कदम उठाती, उससे पहले ही इस बात की जानकारी मिल गई थी। खबर है कि डीजीपी अनिल रतूडी को भी इसकी जांच सौंपी गई है। 15 दिन में जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। अब सवाल ये है कि अगर देश के सबसे महंगे स्कूलों में शुमार स्कूल में ही छात्राएं खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं, तो आखिर जाएं कहां।