image: High court took action against kedarnath scammers

केदारनाथ में करोड़ों का घपला करने वाले बेईमानों पर होगी FIR, हाईकोर्ट का सख्त आदेश

Jun 15 2018 8:52PM, Writer:कपिल

केदारनाथ आपदा के बाद हुए मरम्मत कार्यों को लेकर काफी वक्त से सवाल उठते रहे हैं। साल 2013 के जून में आई आपदा के दौरान केदारनाथ में सब तबाह हो गया था। इसके बाद क्षतिग्रस्त बिजली और पानी की लाइनों की मरम्मत में घोटाले को लेकर बार बार खबरें सामने आती रहीं। अब नैनीताल हार्इकोर्ट ने ऐसे अधिकारियों पर FIR दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। दरअसल 2013 की भीषण आपदा के बाद केदारनाथ में बिजली-पानी की क्षतिग्रस्त लाइनों की मरम्मत कराने के नाम पर कई फर्जी बिल बने थे। इन फर्जी बिलों के नाम पर ही करोड़ों का घपला हुआ है। इस मामले में हाई कोर्ट ने अब सख्त रुख अपना लिया है। कोर्ट ने कहा है कि ऐसे अधिकारियों पर एक महीने के लिए FIR दर्ज कराए जाए और किसी भी बेईमान को बख्शा ना जाए।

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हाईकोर्ट की बैंच ने मुख्य सचिव को इस मामले में आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि घोटाले में शामिल अफसरों पर एक महीने के भीतर FIR दर्ज हो। दरअसल एक वकील सुशील वशिष्ठ द्वारा जनहित याचिका दायर की गई थी। इसमें कहा गया था कि 2013 में केदारनाथ आपदा में बिजली-पानी की लाइनें बर्बाद हुईं थी। इन लाइनों को ठीक करने का ठेका 30 करोड़ में दिया गया था। ये ठेका उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (उरेडा) को दे दिया गया था। जनहित याचिका में कहा गया है कि इस कंपनी द्वारा पुरानी लाइनों को पूरी तरह आपदा में बही हुई दिखाया गया और इसमें ही सारा खेल कर दिया गया। उस दौरान रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट में इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। उनकी रिपोर्ट में ही इस घोटाले की पुष्टि हुई है।

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ये भी खुलासा किया गया है कि उस दौरान सरकार और उरेडा के अफसरों की मिलीभगत थी। इसमें पुरानी लाइनों को बहा हुआ मानते हुए नई लाइनों के बिल पास कराए गए थे। जिलाधिकारी की इस रिपोर्ट पर तो कोई कार्रवाई नहीं हुई लेकिन इसके बाद जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की बैंच ने इस मामले को गंभीरता से सुना। इसके बाद मुख्य सचिव को इस घोटाले में शामिल अफसरों के खिलाफ एक महीने के भीतर FIR दर्ज करने के निर्देश दिए गए। कुल मिलाकर कहें तो केदारनाथ आपदा के दौरान जिन लोगों ने बड़ा फर्जीवाड़ा किया और करोड़ो क घोटाल किया, उन अफसरों पर अब कार्रवाई होगी। काफी वक्त बात ही सही लेकिन कोर्ट की तरफ से सही निर्णय आया है।


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