रुद्रप्रयाग जिले का सपूत नक्सली हमले में शहीद, दुश्मनों ने घात लगाकर किया हमला
Jun 18 2018 7:56AM, Writer:आदिशा
उत्तराखंड ने बीते तीन दिन में तीन सपूतों को खो दिया है। पहले रुद्रप्रयाग जिले के मानवेंद्र सिंह रावत दो आतंकियों का मारकर शहीद हुए फिर ऋषिकेश के गुमानीवाला के विकास गुरुंग नौशेरा सेक्टर में शहीद हो गए और अब एक दुख भरी खबर सामने आ रही है। रुद्रप्रयाग के रहने वाले हवलदार फतेह सिंह नेगी भी अब हमारे बीच नहीं रहे। हवलदार फतेह सिंह 48 साल के थे और रविवार शाम को मणिपुर के मोन जिले में नक्सली हमले में शहीद हो गए। हवलदार फतेह सिंह नेगी असम राइफल में सेवारत थे और रुद्रप्रयाग जिले के क्यूंजा घाटी के बाड़व गांव के निवासी थे। नक्सलियों की तरफ से घात लगाकर असम राइफल के जवानों पर हमला किया गया था। इस हमले में दो जवान शहीद हुए हैं और करीब चार लोग घायल हुए हैं।
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असम राइफल के महानिरीक्षक के पीआरओ ने मीडिया को बताया कि घटना ये घटना जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर भारत-म्यांमार सीमा के पास हुई। शाम तीन बजे के करीब हुई। अबोई के पास हथियारों से लैस उग्रवादियों ने असम राइफल के 6 जवानों को निशाना बनाया। टीम पर घात लगाकर हमला किया गया। महानिरीक्षक के पीआरओ ने बताया कि इस हमलं में हवलदार फतेह सिंह नेगी और सिपाही एच कोनयाक शहीद हो गए हैं। इसके अलावा चार अन्य जवान गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए। जवानों के द्वारा भी जवाबी कार्रवाई की गई लेकिन कितने उग्रवादी हताहत हुए इसकी अभी जानकारी नहीं है। एक बार फिर से देश के वीर जवान मातृभूमि की बलिवेदी पर चढ़ गए। एक बार फिर से सवाल ये ही उठने लगे हैं कि आखिर कब तक ?
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हाल ही में शहीद निकास गुरुंग और शहीद मानवेंद्र सिंह रावत देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दे गए और अब रुद्रप्रयाग जिले केे ही हवलदार फतेह सिंह नेगी का इस तरह से चला जाना बेहद दुखद है। रुद्रप्रयाग जिले ने देश की सेना को कई वीर सपूत दिए हैं। यहां के सैकड़ों युवा इस वक्त देश की सेना में भर्ती हैं। कई नौजवान आर्मी में भर्ती होने की कोशिशों में जुटे हैं और कई जवान देश की रक्षा करते हुए शहीद हो चुके हैं। हवलदार फतेह सिंह नेगी रुद्रप्रयाग ही नहीं बल्कि इस पूरे देश की शान थे। सवाल ये है कि आखिर कब तक इस तरह से दुश्मनों की गोलियां झेलते रहेंगे हमारे वीर जवान ? हवलदार फतेह सिंह नेगी और सिपाही एच कोनयाक को शत शत नमन।