आ गया उत्तराखंड का पहला गढ़वाली रैप Song, पहाड़ियों ने यहां भी जलवा दिखा दिया
Jun 18 2018 2:45PM, Writer:कपिल
ग़ज़ल, क्लासिकल, फोक, रैप, जैज़ और भी ना जाने संगीत की कितनी अलग अलग विधाएं हैं। पारंगत वही है, जो इन कलाओं में निपुण है। आज जब हर तरफ तरफ अलग अलग तरह से गीत गाए जा रहे हैं, तो उत्तराखंड के युवा आखिर क्यों पीछे रहें ? उत्तराखंड का युवा लोकसंगीत के जरिए पहाड़ की परंपरा को आगे बढ़ा रहा है, तो क्लासिकल और पहाड़ की ग़ज़लों को भी दुनिया के सामने पेश कर रहा है। इसी कड़ी में सूरज सिंह रावत और त्विशा भट्ट वो चेहरे बने हैं, जिन्हें उत्तराखंड का पहला गढ़वाली रैप लाने का श्रेय जाता है। गीत अच्छा बन पड़ा है और किसी की मेहनत की तारीफ भी होनी चाहिए। त्विशा भट्ट ना जाने कितने सालों से उत्तराखंड की इंडस्ट्री यानी हिलीवुड के लिए कार्यरत हैं और सूरज सिंह रावत उत्तराखंड के संगीत का एक नया और अलग चेहरा हैं।
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राज्य समीक्षा से बातचीत में त्विशा भट्ट ने बताया कि उत्तराखंड के हर कलाकार में अलग अलग हुनर है और सूरज सिंह रावत ने गढ़वाली रैप को एक नई पहचान दी है। सूरज सिंह रावत ही वो चेहरा हैं, जिन्होंने सही मायनों में गढ़वाली रैप शुरु किया है। ये नए बच्चे नए सपनों और नई उम्मीदों के साथ उत्तराखंड का नाम हर जगह रोशन करना चाहते हैं और इसके लिए मेहनत भी कर रहे हैं। पहले सूरज सिंह रावत के सिर पर हिंदी रैप का फितूर सवार था। लेकिन जब उन्हें महसूस हुआ कि ये ही सब अगर अपने उत्तराखंड के लिए किया जाए तो बेहतर है। इस वजह से से सूरज सिंह रावत ने पहाड़ी रैप शुरू किए । सूरज कहते हैं कि आज हर कोई गढ़वाली और कुमाऊंनी सीखने के लिए उत्सुक है। अब सूरज सिंह रावत ने इस पहले गढ़वाली रैप गीत को पेश किया है।
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त्विशा ने इस गीत के काफी मेहनत की है और सूरज सिंह रावत ने इसमें उनका साथ दिया है। अगर कोई उत्तराखंड के संगीत के लिए संगीत की दुनिया में उतरकर ही कुछ अलग कर रहा है, तो इसमें हर किसी का साथ चाहिए होता है। ये युवा ही हैं, जो उत्तराखंड का नाम रोशन करने के लिए हर तरह के प्रयोग कर रहे हैं। आप भी देखिए।