जनरल बिपिन रावत दहाड़े, त्राल में आतंकियों का काल बनी भारतीय सेना
Jun 20 2018 1:45PM, Writer:कपिल
कहा जाता है कि लातों के भूत बातों से नहीं मानते और आतंकियों के लिए ये बात एकदम सटीक बैठती है। भारतीय सेना के जवानों ने हाल ही में सीमा पर कुर्बानियां दी हैं। बार बार समझाने के बाद भी आतंकी लगातार अपनी मन मर्जी से पेश आ रहे हैं। हाल ही में उत्तराखंड से भी कई जवान देश की रक्षा के लिए सींमा पर शहीद हुए हैं। इसके अलावा कश्मीर के ही रहने वाले वीर जवान औरंगजेब को मारकर आतंकियों ने साबित कर दिया कि कायरता से हमला करना उनका शगल है। औरंगजेब की हत्या कर आतंकियों ने अपनी कायरता का परिचय दिया है। ऐसे में अब भारतीय सेना भी एक्शन में आ गई है। दक्षिण कश्मीर के त्राल में सुरक्षाबलों ने जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकियों को ढेर कर दिया है। भारतीय सेना के ऑपरेशन ऑलआउट से आंतकियों और पत्थरबाजों में खौफ है।
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आपको याद होगा कि इससे पहले आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने औरंगजेब के परिजनों से मुलाकात की थी। इसके बाद जनरल बिपिन रावत के आदेश के बाद भारतीय सेना दक्षिण कश्मीर में एक्टिव हो गई है। हालांकि पत्थरबाजों ने एक बार फिर से आंतकियों को बचाने की कोशिश की इसके बाद भी जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकियों को ढेर किया गया। रमजान खत्म होने के बाद कशअमीर के किसी भीतरी इलाके में ये पहली मुठभेड़ है। सेना और पुलिस को त्राल के हायूना, नाजनीनपोरा में 3 आतंकियों के छुपे होने की खबर मिली थी। जवानों ने गांव की घेराबंदी कर दी और सर्च अभियान चलाया गया। इसके बाज स्थानीय लोगों ने सेना और पुलिस के जवानों से धक्का मुक्की शुरू कर दी। बस मौका पाकर आतंकियों की तरफ से गोलियां चलनी शुरू हो गई।
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करीब चार बजे शुरू हुई ये मुठभेड़ रात नौ बजे खत्म हुई। मारे गए आतंकियों की पहचान कासिम, आदिल और दानिश के रूप में हुई है। बताया जा हा है कि आदिल और दानिश कुछ ही दिन पहले आतंकी बने थे। इससे पहले पुलवामा के हाजिन बाला राजपोरा में भी आतंकियों के छिपे होने की सूचना पर सुरक्षाबलों ने घेराबंदी कर तलाशी अभइयान चलाया। इस दौरान कुछ युवकों ने भारतीय सेना के जवानों पर ही पथराव शुरू कर दिया। लेकिन भारतीय सेना के इरादे एकदम साफ हैं। इस बाद दनरल बिपिन रावत भी साफ कर चुके हैं कि अब और मौका नहीं दिया जाएगा। आतंकियों को उन्ही की भाषा में जवाब दिया जा रहा है। कश्मीर में इससे पहले कई बार पत्थरबाजों और भटके हुआ युवाओं को समाझाने की कोशश की गई लेकिन आतंकी अपनी क्रूर हरकतों में लगे हैं। ऐसे में अब एक्शन लेना काफी जरूरी है।