image: Vartika joshi welcome in uttarakhand

4 महाद्वीप, 3 समुद्र और भूमध्य रेखा पार कर आई पहाड़ की बेटी, उत्तराखंड में स्वागत है

Jun 21 2018 8:31PM, Writer:आदिशा

पौड़ी के धूमाकोट के स्यालखेत गांव की बेटी। नाम है वर्तिका जोशी। देश की पहली नेवी ऑफिसर जो चार महाद्वीप, तीन समुंदर और भूमध्य रेखा पार कर आई। देश की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और खुद पीएम मोदी ने इस बेटी का स्वागत किया था। पिछले साल 10 दिसंबर को पूरी दुनिया का चक्कर लगाने के लिए हिंदुस्तान की 6 बेटियों ने अपना अभियान शुरू किया था। ये सफर पूरी दुनिया का चक्कर लगाने के बाद गोवा में पूरा हुआ था। ये बात तो आप जानते ही होंगे कि वर्तिका जोशी इस महिला नेवी अफसरों के दल की कमांडर थी। इसके लिए इस महिला महिला टीम के हवाले समुद्री नौका आईएनएसवी तरिणी सौंपा गया था। इस जहाज की कमान वर्तिका जोशी को सौंपी गई थी। वर्तिका के पिता प्रोफेसर पीके जोशी जी हैं, जो कि गढ़वाल विश्वविद्यालय में शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं। ऋषिकेश में वर्तिका का जोरदार स्वागत किया गया।

यह भी पढें - ये है वर्तिका जोशी की जिंदादिल कहानी
इस दौरान वर्तिका ने बताया कि नाविका सागर परिक्रमा एक संघर्षपूर्ण अभियान था। आज तक किसी ने भी ऐसा अभियान पाल नौका के जरिये पूरा नहीं किया था। बड़ी बात तो ये है कि कि किसी महिला क्रू ने तो कभी इस काम को पूरा नहीं किया। उन्होंने बताया कि 254 दिन तक चले इस अभियान में कई मुश्किलों से गुजरना पड़ा। कई बार तो समंदर की लहरों ने ऐसी चुनौती दी कि रूह कांप उठी थी। लेकिन पक्के इरादे और मजबूत हौसलों की वजह से ही सभी चुनौतियां आसान बन गई। वर्तिका ने बताया कि सबसे बड़ी चुनौती प्रशांत महासागर ने दी। प्रशांत महासागर के बीच में एक समुद्री तूफान आ गया। लहरें नौ से दस मीटर तक ऊंची उठने लगी। ऐसा लग रहा था कि कभी भी लहरें इस नौका को अपनी चपेट में ले लेंगी। लेकिन वर्तिका और उनकी टीम लहरों से लड़कर आगे बढ़ीं।

यह भी पढें - भारतीय नौसेना की शान है वर्तिका जोशी
वर्तिका ने बताया कि उनकी टीम ने लगातार 20 से 25 घंटे तक बिना सोये तूफान का मुकाबला किया। एक समय ऐसा भी आया जब समंदर में हवा चलना ही बंद हो गई। जिस नौका पर ये पूरी टीम सवार थी, उसे चलाने के लिए हवा की काफी जरूरत थी। इस वजह से उनकी टीम को एक ही जगह पर कई दिनों तक रुकना पड़ा। आखिरकार पहाड़ की बेटी घर लौटी तो उनका जमकर सम्मान किया गया। वर्तिका की मां अल्पना जोशी राजकीय महाविद्यालय ऋषिकेश में हिंदी की विभागाध्यक्ष है। साल 2010 में वर्तिका नौ सेना अधिकारी बनी।वर्तिका जोशी का परिवार फिलहाल ऋषिकेश के उग्रसेन नगर में रहता है । उनकी पढ़ाई श्रीनगर और ऋषिकेश से हुई है। सलाम पहाड़ की इन बेटियों को, जो अपने हौसले से एक नई मिसाल कायम कर रही हैं।


  • MORE UTTARAKHAND NEWS

View More Latest Uttarakhand News
  • TRENDING IN UTTARAKHAND

View More Trending News
  • More News...

News Home