Video: नरेंद्र सिंह नेगी कैसे बने उत्तराखंड की आवाज ? 1993 का ये वीडियो देखिए
Jun 30 2018 2:27PM, Writer:कपिल
फेसबुक पर नजरें गईं तो अचानक नरेंद्र सिंह नेगी जी के एक वीडियो पर नजर गई। इस वीडियो के साथ कुछ प्यारी सी पंक्तियां लिखी हैं। ‘यूँ ही कोई गीत अमर नहीं हो जाता है, किसी गीत को श्रोताओं के दिलों तक पहुंचाने के पीछे रचनाकार, गायक की बहुत मेहनत होती है। इसी मेहनत के कारण आज श्री नरेंद्र सिंह नेगी जी उत्तराखण्ड की आवाज हैं। 1993 के दौरान उत्तरकाशी में नौकरी के साथ साथ जब भी नेगी जी को समय मिलता था तो वो अपने गीतों को सजोने में लगे रहते थे। इसी मेहनत से " खुद " ऐलबम के सभी गीतों को उत्तरकाशी में ही रचा गया, और जब ये एलबम रिलीज हुई तो हर एक गीत अपने आप में इतिहास बन गया था’। इन शब्दों के साथ ही एक वीडियो पेश किया गया है, जो मन में नेगी जी के लिए और भी सम्मान पैदा करता है।
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‘ल्यायूं छो भाग छांटी की’...भाग्य के भरोसे जीने वालों के लिए नरेंद्र सिंह नेगी जी ने एक बेहतरीन गीत लिखा था। ये गीत बताता है कि जिंदगी में मेहनत के अलावा कोई विकल्प नहीं और भाग्य के भरोसे रहने वाले कभी जीतते नहीं। नेगी दा की कहानी भी कुछ ऐसी है। वो लगातार कर्म करते गए और हर रास्ते में जीत हासिल करते गए। आज नेगी दा के लिए दिल में अलग ही सम्मान पैदा होता है। उनकी लिखी हर रचना उत्तराखंड के दिल में रची बसी है। ये नेगी दा के ही शब्दों ही रुतबा है कि उनके लिखे गीत आज के नौजवानों के लिए भी प्रेरणा बन गए हैं। आप खुद देख सकते हैं कि आज के युवा गीतकार और संगीतकार नेगी दा के गीतों को नए कलेवर में पेश कर अपने गुरु का सम्मान करते हैं। नेगी दा के जीवन को और संगीत का ये सफर यूं हीं अनवरत जारी रहे, ये ही दुआ है।