Video: जहां 75 उत्तराखंडी योद्धाओं ने दी थी कुर्बानी, उस 'कारगिल पर विजय' का दिन है आज
Jul 26 2018 5:50PM, Writer:शैलेश
उत्तराखंडियों ने कारगिल की लड़ाई में अपने साहस की नयी कहानी लिखी थी। आज यानि कि 26 जुलाई को कारगिल युद्ध, जिसे 'ऑपरेशन विजय' भी कहा जाता है, का विजय दिवस मनाया जाता है। पाकिस्तान से इस आमने-सामने की लड़ाई में 75 उत्तराखंडी रणबांकुरों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। इन अमर जवानों की कहानियां भारतीय सैन्य इतिहास का हिस्सा बनकर आने वाले कई सालों तक युवाओं को देशप्रेम का पाठ पढ़ाती रहेंगी। कारगिल की लड़ाई में टोलोलिंग पर्वत चोटी से लेकर द्रास सेक्टर की चोटियों को दुश्मन से खाली करवाने का जिम्मा गढ़वाल रायफल पर था। दुश्मनों ने पहले ही इन चोटियों पर कब्जा जमा दिया था जिसे खाली करवाने में उत्तराखंड राज्य के कई सपूतों ने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। अपना सर्वस्व बलिदान देकर इन पहाड़ियों ने वीरता की जो गाथा लिखी, उसके लिए कारगिल युद्ध के इतिहास में इन शहीदों का नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया।
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कारगिल की लड़ाई में दुश्मन को देश की सरहद के बाहर खदेड़ते हुए उत्तराखंड के 75 सपूतों ने अपने प्राणों को न्यौछावर किया, प्राप्त जानकारी के मुताबिक इनमें से 54 गढ़वाल राईफल्स के जवान थे और 21 कुमायूं रेजिमेंट के। उत्तराखंड के वीर सैनिकों को उनके इस अदम्य साहस के लिए वीरता पदकों से अलंकृत किया। कारगिल युद्ध में भारतीय सेना ने 524 सैनिकों को खोया तो वहीं 1363 गंभीर रूप से घायल हुए थे। भारतीय सेना ने इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना के चार हजार से ज्यादा सैनिक मार गिराए थे। देहरादून के रहने वाले मेजर विवेक गुप्ता की पत्नी Army Medical Corps officer राजश्री बिष्ट जब अपने स्वर्गीय पति के पार्थिव शरीर को सेल्यूट कर रही थी, उस वक्त ली गयी इस तस्वीर ने भावनाओं का ऐसा ज्वार पैदा किया कि उस वक्त भारत-पाकिस्तान मैच में कमेंट्री कर रहे कपिल देव भी रो पड़े थे। कपिल ने इसके बाद लाइव टीवी पर ही भारत सरकार से पाकिस्तान के साथ मैच के साथ ही सभी प्रकार के रिश्ते ख़त्म करने की बात कह डाली थी।
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मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कारगिल विजय दिवस के अवसर पर भारतीय सेना के अदम्य साहस व शौर्य को नमन करते हुए वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। कारगिल विजय दिवस की पूर्व संध्या पर अपने संदेश में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड में सैनिकों की वीरता व बलिदान की लम्बी परम्परा रही है। कारगिल युद्ध में बड़ी संख्या में उत्तराखण्ड के सपूतों ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति दी। CM ने कहा कि राज्य सरकार सैनिकों, पूर्व सैनिकों एवं उनके परिजनों के कल्याण के लिए वचनबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने कारगिल युद्ध में जिस प्रकार की विपरीत परिस्थितियों में वीरता का परिचय देते हुए घुसपैठियों को सीमा पार खदेड़ा, उससे पूरे विश्व ने भारतीय सेना का लोहा माना। कारगिल युद्ध में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों के बलिदान को राष्ट्र हमेशा याद रखेगा।