केदारनाथ को बचाएंगी ये तीन दीवारें, इस हाईटेक सुरक्षा तंत्र की खूबियां जानिए
Jul 30 2018 9:13AM, Writer:कपिल
कुछ भी कहिए केदारनाथ मंदिर के आसपास बेहद ही सुनियोजित तरीके और सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखकर सुरक्षा तंत्र तैयार किया गया है। इसमें सबसे बड़ी खूबी है उस तीन स्तरीय दीवार की, जो केदारनाथ मंदिर के आस-पास के इलाकों में सुरक्षा कजे लिए तैयार हुई है। ये बात आप जानते ही होंगे कि 2013 में केदारनाथ में जल प्रलय आई थी। पानी और उसके साथ आए मलबे की चपेट में आने से साढ़े पांच हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हुई थी। साढ़े चार हज़ार घायल हो गए थे और पांच लाख लोग प्रभावित हुए थे। ऐसी आपदा फिर ना हो सके, इसके लिए तीन स्तरीय दीवार तैयार हुआ है। इस काम की ज़िम्मेदारी है नेहरू पर्वतारोहण संस्थान ने उठाई थी। जब आप इस दीवार की हाईटेक खूबियों के बारे में जानेंगे तो आपको अहसास होगा कि केदारनाथ के पुनर्निर्माण में कैसी मेहनत की गई है।
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1-गैबिन वॉल:- पहली दीवार मंदाकिनी और सरस्वती नदी के रास्ते को सुरक्षित रखने के लिए तैयार की गई है। ए शेप की ये दीवार मजबूत पत्थरों से तैयार की गई है। इसे गैबिन वॉल कहते हैं। इस गैबिन वॉल की खूबी ये है कि ये पानी को नीचे मंदिर की तरफ आने से रोकेगी। अगर पानी बहुत तेज़ गति में होगा, तो ये गैबिन वॉल पानी की रफ्तार को कम कर देगी।
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2-रॉकनैट जाली:- रॉकनैट जाली दूसरी दीवार है। ये छह मीटर की रॉकनेट जाली है। इसे दो मीटर जमीन के अंदर और 4 मीटर बाहर रखा गया है। ये दीवार पानी में आने वाले बड़े पत्थरों को रोक देगी। जापानी कंपनी द्वारा बनाई गई यह रॉकनेट इको फ्रेंडली है। आपको बता दें कि केदार आपदा के वक्त बड़े पत्थरों की वजह से ही सबसे बड़ा नुकसान हुआ था।
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3-तीसरी दीवार:- जो जीवारों को पार करने के बाद भी अगर पानी अंदर आया, तो तीसरी दीवरा उस पानी का रुख मोड़ देगी। अर्ध-अंडाकार तीसरी दीवार पानी को डायवर्ट करने के बाद मंदाकिनी और सरस्वती नदी की तरफ ले जाएगी। 350 मीटर लंबी और 6 मीटर ऊंची ये दीवर पूर तरह से कंक्रीट की बनी हुई है। ये दीवार और दो मीटर ज़मीन के अंदर और चार मीटर बाहर है।