नहीं रहे अटल बिहारी वाजपेयी, पूरे देश में शोक की लहर
Aug 16 2018 6:08PM, Writer:आदिशा
देश ने एक महान और अमिट छवि वाला जननायक खो दिया है। 93 साल की उम्र में अटल बिहारी वाजपेयी हम सभी को छोड़कर चले गए। एम्स के पास कृष्णा मेनन रोड पर देशभर से नेताओं और हस्तियों का आना-जाना लगा हुआ है। सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। अस्पताल के पास से सभी छोटी दुकानें हटा दी गई हैं। ट्रैफिक को रोका गया है। दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ के जवान मौके पर तैनात कर दिए गए हैं। अटल बिहारी वाजपेयी वो प्रधानमंत्री रहे जिन्हें हर कोई खुले दिल से बेदाग छवि का नेता बताता था। इसकी वजह थी उनके काम। पोखरण के परमाणु परीक्षण को आखिर कौन भूल सकता है ? 1998 का वह साल जब अटलजी ने पोखरण में 2 दिन के अंतराल में 5 परमाणु परीक्षण करके सारी दुनिया को चौंका दिया था। यह भारत का दूसरा परमाणु परीक्षण था। इससे पहले 1974 में पहला परमाणु परीक्षण किया गया था।
सर्व शिक्षा अभियान तो आपको याद ही होगा। इस अभियान के जरिये अटल सरकार ने 6 से 14 साल की उम्र के बच्चों को मुफ्त प्राथमिक शिक्षा देने की शुरुआत की थी। ये शिक्षा के क्षेत्र में सबसे बड़ी क्रांति थी। 2001 में सर्व शिक्षा अभियान की योजना की लॉन्चिंग के महज 4 साल के भीतर स्कूलों से दूर रहने वाले बच्चों की संख्या में 60 फीसदी की कमी देखने को मिली थी।अटल बिहारी वाजपेयी ने देश के मेट्रो शहरों को ही नहीं, बल्कि गांवों को भी सड़कों से जोड़ने के लिए योजनाएं शुरू की थी। स्वर्णिम चतुर्भुज योजना और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना जैसी योजनाएँ उन्होंने ही शुरू की थी। स्वर्णिम चतुर्भुज योजना से मुंबई, दिल्ली, चेन्नई और कोलकाता को जोड़ा गया था। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से दूर-दराज गांवों तक सड़क पहुंचाने का काम किया।
देश में संचार क्रांति को लाने में भी अहम भूमिका अटल जी ने निभाई थी। टेलीकॉम के लिए रेवेन्यू-शेयरिंग की व्यवस्था भी अटल सरकार लाई थी। आपको बता दें कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को किडनी नली में संक्रमण, मूत्रनली में संक्रमण था। इसके साथ ही अटल जी की छाती में जकड़न जैसी परेशानी भी थी। इसके बाद 11 जून को AIIMS में भर्ती कराया गया था। अटल बिहारी वाजपेयी को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। आईसीयू में डॉक्टरों की एक टीम लगातार उन पर नजर रखे हुए थी। सभी देशवासियों के आंखों में आंसू हैं। आपको बता दें कि बीते 2 महीनों से अटल जी AIIMS में भर्ती थे। एम्स के डॉक्टर्स ने ताज़ा मेडिकल बुलेटिन में कहा था कि उनकी हालत में सुधार नहीं हो रहा। परेशान नेताओं का दिल्ली के एम्स अस्पताल पहुंचने का सिलसिला लगातार जारी है।