उत्तराखंड की बेटियों का बेमिसाल काम, देश के वीर सैनिकों को भेजी 30 हजार राखियां
Aug 26 2018 2:51PM, Writer:आदिशा
ये उत्तराखंड की बेटियां हैं..ये बेटियां जानती हैं कि रक्षाबंधन उन वीर जवानों के लिए भी खास है, जो सीमाओं पर देश की रक्षा के लिए तैनात हैं। घर में रक्षाबंधन मनाने से पहले उन वीरों को रक्षा का सूत्र पहनाना जरूरी है, जो वास्तव में देश के असली रक्षक हैं। उन वीरों को भी अहसास होना चाहिए कि देश में उनके चाहने वालों की कोई कमी नहीं है। इस बात को उत्तराखंड की छात्राओं ने समझा और वीर सैनिकों को करीब 30 हजार राखियां भेजी। सियाचिन और सिक्किम जैसे बॉर्डर एरिया में तैनात जवानों को ये राखियां भेजी गई। इसके लिए इन बेटियों ने ‘सिस्टर्स फॉर सोल्जर्स’ नाम की एक संस्था बनाई है। वंदना बिष्ट विजय इस संस्था की अध्यक्ष हैं। शनिवार की शाम को इन बेटियों का एक दल देश के आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत से मिला।
यह भी पढें - उत्तराखंड का सपूत..उसे भी मनाना था रक्षाबंधन, वो देश की रक्षा में कुर्बान हो गया

इस मुलाकात में जनरल बिपिन रावत को 15 हजार से ज्यादा राखियां सौंपी गई। इसी तरह से उपवायुनाध्यक्ष एयर मार्शल श्रीश देव को भी 15 हजार राखियों का एक बॉक्स दिया गया। विंग कमांडर मुनीश ने इस बारे में मीडिया को बताया है कि ये राखियां वायु सेना के विमानों के जरिए बॉर्डर इलाकों में भेजी गई हैं। जनरल बिपिन रावत ने गर्व से कहा कि इन राखियों में जो संदेश छुपा है, उससे देश के जवानों का मनोबल बढ़ेगा। सेना के जवानों का इससे विश्वास मजबूत होगा कि देश की बहनें उनके लिए रक्षा कवच की तरह खड़ी हैं।
यह भी पढें - उत्तराखंड शहीद दीपक नैनवाल...साहस, शौर्य और वीरता से भरी है इनकी कहानी

वंदना बिष्ट ने देशभर में इस मुहिम को चलाया। देहरादून के आर्यन स्कूल की छात्राओं ने इन राखियों को खासतौर पर अपने हाथों से बनाया है। इसके अलावा जवानों के लिए हाथ से बने कार्ड भी दिए गए हैं। आपको बता दें कि वंदना बिष्ट की कोशिश की बदौलत ही बीते साल रक्षाबंधन के मौके पर डोकलाम में तैनात जवानों को 20 हजार राखियां भेजी गईं थी।