केदारनाथ में भूस्खलन से भी नहीं जायेगी बिजली, अब दुनिया देखेगी नई और भव्य केदारपुरी
Sep 1 2018 12:24PM, Writer:कपिल
भोलेनाथ की केदार घाटी की तस्वीर अब पूरी तरह से बदलने वाली है। केदारनाथ में बिजली के लिए मजबूत भूमिगत तारें बिछाई जा रही हैं। इस पर काम पहले से चल रहा था जो जल्द ही पूरा होने जा रहा है। दरअसल 2013 में आई आपदा ने केदार घाटी को तबाह कर दिया था। केदारनाथ मंदिर तक जाने वाला मार्ग भी इस आपदा में खत्म हो गया था। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केदारनाथ के कायाकल्प का प्रण लिया था और 2017 में अपने इस ड्रीम प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था। केदार घाटी के जीर्णोद्धार का काम अब अपने आखिरी दौर में पहुंच रहा है और 2019 तक ये पूरा कर लिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के तहत केदारनाथ मंदिर से आधा किमी दूर तक पैदल रास्ते को 50 मीटर तक चौड़ा किया गया है। साथ ही केदारनाथ धाम से गरूड़चट्टी तक 3.5 किमी के रास्ते का निर्माण भी पूरा कर लिया गया है।
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आपदा में केदारनाथ से गरूड़चट्टी को जोड़ने वाला रास्ता भी बह गया था। जिसके बाद यात्रियों की आवाजाही के लिये दूसरा रास्ता तैयार किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने केदारनाथ धाम का दो बार दौरा करने के बाद केदारनाथ के साथ ही गरूड़चट्टी को अपने ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल किया था। निर्माण कार्य के दौरान केदारनाथ धाम आने वाले हजारों लाखों श्रद्धालुओं की सहूलियतों का भी पूरा ध्यान रखा गया है। गरूड़चट्टी तक जाने वाले नए मार्ग की चौड़ाई भी 4 मीटर के आस-पास रखी गई है। दो किलोमीटर तक खडंजा और सीमेंट से पीसीसी का काम पूरा कर दिया गया है। वहीं केदारनाथ से रामबाड़ा तक केदारनाथ पैदल मार्ग का निर्माण कार्य जारी है।
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साल 2013 की आपदा में कहर ढाने वाली मंदाकिनी और सरस्वती नदियों पर सुरक्षा दीवारों और घाट समेत पुनर्निर्माण का काम चल रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत मंदिर मार्ग चौड़ा किया जा रहा है, साथ ही मार्ग के दोनों तरफ तीर्थ पुरोहितों के लिए थ्री-इन-वन आवासीय भवन भी बनाए जा रहे हैं। भगवान आशुतोष के 12 ज्योर्तिलिंगों में एक केदारनाथ धाम को करीब 700 करोड़ रुपये की लागत से बेहद भव्य और दिव्य रुप दिया जा रहा है। जिस तेजी से ये काम हो रहा है उस के पीछे एक वजह ये भी है कि प्रधानमंत्री मोदी की नजर लगातार इस प्रोजेक्ट पर रही है और वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए भी वो निर्माण कार्य की प्रगति का जायजा लेते रहे हैं।