Video: अपने पिता पप्पू कार्की जैसा हुनरमंद है बेटा दक्ष, देखिए..नया गीत आ रहा है
Sep 8 2018 2:46PM, Writer:आदिशा
उत्तराखंड ने 9 जून 2018 को अपना सुपरस्टार खो दिया था। पप्पू कार्की इस दुनिया को छोड़कर चले गए थे। उत्तराखंड की फिल्म इंडस्ट्री में पप्पू कार्की उस पारसमणि की तरह थे, जो किसी चीज को छू ले तो वो सोना बन जाए। हल्द्वानी में पप्पू कार्की का अपना स्टूडियो था और उसी के ज़रिए वो अपने परिवार का खर्च चलाते थे। लेकिन अब पिता की राह पर बेटा चल पड़ा है। स्वर्गीय पप्पू कार्की का बेटा दक्ष अपने पिता की राह पर चल पड़ा है। पप्पू कार्की के ही एक पुराने गीत को उनका बेटा दक्ष नए अंदाज में पेश कर रहा है। ज़रा आप भी उनके बेटे की ये आवाज़ सुनिए। यकीन मानिए आप भी छोटे से दक्ष की आवाज़ के मुरीद बन जाएंगे। इस गीत की रिकॉर्डिंग हो चुकी है और स्टूडियो में छोटा सा दक्ष अठखेलियां करता दिख रहा है। हम आपको दक्ष की मधुर आवाज में वो वीडियो दिखा रहे हैं।
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आंखों और चेहरे पर वो ही ललक दिख रही है, जो कभी गीत तैयार करने के लिए पप्पू कार्की के चेहरे पर देखने को मिलती थी। हर गीत को बार बार सुनना और उसे एक बेहतर अंजाम तक पहुंचाना पप्पू कार्की का जुनून था। ऐसा ही जुनून पप्पू कार्की के बेटे दक्ष में भी दिख रहा है। अब आप भी दक्ष का ये वीडियो देखिए।
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आज अगर पप्पू कार्की लाखों के दिलों में जिंदा हैं, तो उन कामों की वजह से जो हर किसी के लिए प्रेरणादायक हैं। साल 2003 से 2006 तक दिल्ली में पेट्रोल पंप, प्रिंटिंग प्रेस और बैंक में चपरासी तक की नौकरी पप्पू कार्की को करनी पड़ी थीं। दर-दर भटकने से खिन्न होकर पप्पू कार्की ने गांव लौटने का मन बना लिया था। वापस लौटकर गीत गाने शुरू किए तो 'झम्म लागछी' एलबम के गीत 'डीडीहाट की जमुना छोरी' ने साल 2010 में सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। पप्पू कार्की जिंदगी में खुद भटके थे और वो इस दर्द को अच्छी तरह से समझते भी थे। इसलिए उन्होंने जैसे तैसे कर नए और उभरते कलाकारों के लिए एक स्टूडियो भी खोला था। पप्पू कार्की आज उत्तराखंड को इतनी यादें देकर चले गए हैं, जिन्हें उत्तराखंड भुलाए नहीॆं भूल सकता। उम्मीद है कि मासूम बेटा दक्ष अपने पिता जैसा सुपरस्टार बनेगा।