पहाड़ के जाजरदेवल गांव का बेटा, शहर की नौकरी छोड़ गांव में शुरू की चाय की खेती..अब अच्छी कमाई
हिमांशु गुड़गांव की एमएनसी में जॉब करते थे, लेकिन कुछ अलग करने की चाह उन्हें गांव खींच लाई। हिमांशु ने प्राइड ऑफ हिमालया pride of himalaya नाम से स्टार्ट अप शुरू किया है, जिससे क्षेत्र के सैकड़ों किसान जुड़े हैं..
Mar 15 2020 6:28PM, Writer:कोमल नेगी
पहाड़ में पलायन की खबरों के बीच कई ऐसी कहानियां भी सामने आ रही हैं, जो बेहतर भविष्य की उम्मीद जगाती हैं। हमारा मकसद ऐसी कहानियों को आप तक पहुंचाना है, सफलता की ये कहानियां कई युवाओं को हौसला देंगी, उन्हें हार ना मानने की प्रेरणा देंगी। इसी कड़ी में आज हम बात करेंगे पिथौरागढ़ के हिमांशु जोशी की, जिन्होंने एमएनसी की नौकरी छोड़ चाय का नया स्टार्ट अप शुरू किया। आज उनकी कमाई लाखों में है। हिमांशु जोशी ने प्राइड ऑफ हिमालया pride of himalaya नाम से नया स्टार्ट अप शुरू किया है। पिछले छह माह के भीतर ही उनकी ग्रीन टी के पांच सौ से ज्यादा ग्राहक बन गए हैं। हिमांशु जोशी जाजरदेवल गांव में रहते हैं। वो गुड़गांव की एमएनसी में जॉब करते थे, पर पहाड़ से लगाव उन्हें गांव खींच लाया। हिमांशु गांव लौटे और प्राइड ऑफ हिमालया नाम से ग्रीन टी लांच कर इसे मार्केट में उतार दिया। इस चाय में राम तुलसी, श्यान, वन तुलसी, लेमन ग्रास और स्टीविया की खूबियां हैं। ग्रीन टी के अलावा वो जल्द ही क्लासिकल हर्बल टी, फ्रूट हर्ब्स टी और ऑर्थोडॉक्स ब्लैक टी लांच करने की योजना बना रहे हैं। हिमांशु ने अपने स्टार्ट अप से ना सिर्फ अपनी बल्कि क्षेत्र के कई किसानों की तकदीर संवारी है। आगे भी पढ़िए
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उन्होंने ग्रीन टी pride of himalaya तैयार करने के लिए किसानों से संपर्क किया। उन्हें तुलसी उत्पादन के लिए प्रेरित किया। हिमांशु ने किसानों से 20 क्विंटल तुलसी की पत्तियां खरीदीं, साथ ही 20 क्विंटल बुरांश का आर्डर भी दिया। वो किसानों को जैविक खेती के बारे में जानकारी देते हैं। अल्मोड़ा के पहाड़पानी, जागेश्वर, धौलादेवी, दन्यां में भी उन्होंने किसानों को तुलसी, लेमनग्रास, अदरक की खेती करने को प्रोत्साहित किया है। क्षेत्र के 250 किसान उनके स्टार्ट अप से जुड़ चुके हैं। 12 युवाओं को चाय की बिक्री से रोजगार भी मिला है। हिमांशु अब औद्योगिक क्षेत्र में करीब डेढ़ करोड़ की लागत से चाय की फैक्ट्री लगाने वाले हैं, इस संबंध में उनकी उद्योग विभाग से बातचीत चल रही है। वो भविष्य में उत्तराखंड में चाय की चेन शुरू करने की योजना पर काम कर रहे हैं।