image: Coronavirus Uttarakhand:IIT Roorkee designed portable ventilator

उत्तराखंड: कोरोना से बचाएगा ये नया आविष्कार, 25 हजार में बन गया पोर्टेबल वेंटिलेटर

हाईटेक सुविधाओं से लैस इस वेंटिलेटर का नाम ‘प्राणवायु’ है। जिसे आईआईटी रुड़की (IIT Roorkee) की टीम ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश की मदद से तैयार किया है, जानें इसकी खूबियां...
Apr 4 2020 10:23PM, Writer:कोमल नेगी

कोरोना से लड़ाई में सब अपना योगदान दे रहे हैं। इस लिस्ट में अगला नाम आईआईटी रुड़की (IIT Roorkee) का है, जिसने कम लागत वाला पोर्टेबल वेंटिलेटर तैयार किया है। ये वेंटिलेटर कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अहम हथियार साबित होगा। पोर्टेबल वेंटिलेटर कोविड-19 रोगियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में उपयोगी सिद्ध हो सकता है। वेंटिलेटर की खूबियां आपको बताएंगे, लेकिन उससे पहले इस खास वेटिलेटर का नाम जान लेते हैं। हाईटेक सुविधाओं से लैस इस वेंटिलेटर का नाम है ‘प्राणवायु’। जिसे आईआईटी रुड़की ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश की मदद से तैयार किया है। पोर्टेबल वेंटिलेटर मरीज को जरूरी मात्रा में हवा पहुंचाने के लिए प्राइम मूवर के नियंत्रित ऑपरेशन पर आधारित है। वेटिलेटर बुजुर्गों को लिए विशेष लाभदायी है।

यह भी पढ़ें - देवभूमि की मां नंदा को सोनू निगम का प्रणाम, दिल को छू लेने वाला गढ़वाली गीत गाया..देखिए
इसकी स्वचालित प्रक्रिया दबाव और प्रवाह की दर को सांस लेने और छोड़ने के अनुरूप नियंत्रित करती है। ये तो आपने जान ही लिया कि वेंटिलेटर पोर्टेबल है। इसका इस्तेमाल तब उपयोगी साबित हो सकता है, जब अस्पताल के किसी वार्ड या खुले क्षेत्र को आईसीयू में परिवर्तित करना जरूरी हो जाए। इसमें रियल टाइम स्पायरोमेट्री और अलार्म लगा है, जो इसे सुरक्षित और विश्वसनीय बनाता है। आईआईटी रुड़की की टिंकरिंग प्रयोगशाला के समन्वयक प्रो. अक्षय द्विवेदी ने बताया कि प्राणवायु को खासतौर पर कोविड-19 के लिए डिजाइन किया गया है। यह कम लागत वाला, सुरक्षित और विश्वसनीय मॉडल है। जिसका इस्तेमाल बच्चों, वयस्कों और बुजुर्गों के लिए किया जा सकता है। सबसे हैरान करने वाली चीज है, इसकी लागत।

यह भी पढ़ें - पहाड की नन्हीं वैष्णवी..कोरोना के खिलाफ जंग में उतरी, गुल्लक तोड़कर DM को दी सारी जमापूंजी
आईआईटी रुड़की द्वारा तैयार इस वेंटिलेटर की अनुमानित लागत सिर्फ 25 हजार रुपये है। इस पर अनुसंधान का काम लॉकडाउन में शुरू हुआ था और एक हफ्ते के भीतर इसे विकसित भी कर लिया गया। राज्य समीक्षा एम्स और आईआईटी रुड़की (IIT Roorkee) की टीम को सलाम करता है। चुनौती के वक्त सेवा के प्रति ऐसे जज्बे और हिम्मत की बहुत जरूरत है। कम लागत वाला यह वेंटिलेटर कोविड-19 के रोगियों के लिए अत्याधिक उपयोगी सिद्ध होगा। वेंटिलेटर की कमी के दौरान प्राणवायु का इस्तेमाल लोगों की जान बचाने के लिए किया जाएगा। यह कम लागत वाला, सुरक्षित और विश्वसनीय मॉडल है। जिसका इस्तेमाल बच्चों, वयस्कों और बुजुर्गों के लिए किया जा सकता है।


View More Latest Uttarakhand News
View More Trending News
  • More News...

News Home