बाहरी राज्यों में फंसे उत्तराखंडियों के लिए खुशखबरी, त्रिवेन्द्र सरकार ने दिए घर लाने के आदेश
गृह मंत्रालय की गाइड लाइन जारी होने के बाद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्य सचिव को जगह-जगह फंसे उत्तराखंडियों को वापस लाने के इंतजाम करने के निर्देश दिए। उत्तराखंड के हजारों लोग पिछले 35 दिन से जगह-जगह फंसे हुए हैं।
Apr 30 2020 12:51PM, Writer:कोमल नेगी
कोरोना संकट में जारी लॉकडाउन के बीच फंसे प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों और आम लोगों को अंतर्राज्यीय यात्रा की अनुमति मिलने के बाद उनमें नई आस जगी है। उत्तराखंड सरकार भी दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को वापस लाने की तैयारी में जुटी है। बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जगह-जगह फंसे लोगों को सशर्त आवाजाही कराने की छूट दे दी। राज्य सरकारें अपने लोगों को राज्य तक सुरक्षित लाने की जिम्मेदारी निभाएंगी। गाइड लाइन जारी होने के बाद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्य सचिव को जगह-जगह फंसे उत्तराखंडियों को वापस लाने के इंतजाम करने के निर्देश दिए। उत्तराखंड के हजारों लोग पिछले 35 दिन से जगह-जगह फंसे हुए हैं। ना तो प्रवासी मजदूर अपने घर लौट पा रहे हैं और ना ही छात्र और पर्यटक। गृह मंत्रालय की तरफ से इन्हें वापस लाने का आदेश मिलने के बाद राज्य सरकार ट्रांसपोर्ट और हेल्थ डिपार्टमेंट के अधिकारियों के साथ बैठक कर रही है।
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बाहर फंसे लोगों को राज्य में लाने की जिम्मेदारी सचिव परिवहन शैलेश बगोली को दी गई है। सबसे पहले राहत शिविर में रह रहे लोगों को वापस लाया जाएगा। इनके रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। जो लोग बाहर फंसे हैं और उत्तराखंड वापस लौटना चाहते हैं, उन्हें स्मार्ट सिटी फार्म भरना होगा। चलिए अब आपको एमएचए की गाइड लाइन के बारे में बताते हैं। मंत्रालय ने कहा है कि सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश नोडल अधिकारी नियुक्त करें। नोडल अधिकारी अपने राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में फंसे हुए लोगों का रजिस्ट्रेशन करेंगे। जब कुछ लोगों का एक समूह एक राज्य से दूसरे राज्य में जाना चाहता हो तो इसकी अनुमति के लिए दोनों राज्यों को एक दूसरे से संपर्क करना होगा। सड़क मार्ग से परिवहन के लिए सामूहिक अनुमति देनी होगी। यात्रा करने वाले को स्क्रीनिंग से गुजरना होगा, जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं दिखेंगे, उन्हें ही यात्रा की अनुमति दी जाएगी। एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए बसों का इस्तेमाल होगा। बसों को सैनेटाइज किया जाएगा। बस में बैठने वालों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। गृह राज्य पहुंचने पर स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी यात्रा करने वाले व्यक्ति की जांच करेंगे और इन्हें होम क्वारंटीन में रखेंगे।